NewDelhi : सीआईआई के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि आपने देखा कि कैसे हमने पहले आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और फिर दुश्मन के सैन्य ठिकानों और एयरबेसों को नष्ट किया.
राजनाथ सिंह ने कहा, करने को हम कुछ और भी कर सकते थे', लेकिन हमने दुनिया के सामने शक्ति और संयम के समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया. कहा कि और अधिक किया जा सकता था, लेकिन संयम बरता गया.
रक्षा मंत्री ने कहा, आज पाकिस्तान को यह एहसास हो गया है कि उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. हमने आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति और प्रतिक्रिया, दोनों को नए सिरे से तैयार और परिभाषित किया है.
हमने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों और संवाद के दायरे को नए सिरे से निर्धारित किया है. अब जब भी बातचीत होगी, तो सिर्फ आतंकवाद और पीओके पर ही होगी. मेरा मानना है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं.
पीओके में रहने वाले ज़्यादातर लोग भारत से गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं, बस कुछ ही लोग हैं जिन्हें गुमराह किया गया है.
युद्ध का चरित्र तेजी से बदला है और ऐसा होता रहेगा
इस क्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा, युद्ध का चरित्र तेजी से बदला है और ऐसा होता रहेगा. सबसे पहले, युद्ध और शांति के बीच की रेखाएं तेजी से धुंधली होती जा रही हैं.
उन्होंने कहा, वाणिज्यिक प्रौद्योगिकी युद्ध को लोकतांत्रिक बनाती है, जिससे यह गैर-सरकारी अभिनेताओं के लिए उपलब्ध हो जाता है.
हम यह भी जानते हैं कि आतंकवादी कृत्यों जैसे गैर-पारंपरिक खतरे व्यापक संघर्ष में बदल सकते हैं.
बिना युद्ध विराम के संघर्ष छेड़ने के लिए अंतरिक्ष और साइबर डोमेन के साथ-साथ गैर-संपर्क युद्ध का उपयोग एक नयी वास्तविकता है.
एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने सागर क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास का स्पष्ट आह्वान किया.
इस विरासत पर निर्माण करते हुए, दृष्टि को सही मायने में 'महासागर क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास की पारस्परिक और समग्र उन्नति तक बढ़ाया गया है.
ऑपरेशन सिंदूर ने हमें यह स्पष्ट रूप से बताया, हम किस दिशा में जा रहे हैं
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर, जैसा कि नौसेना प्रमुख ने कहा था, युद्ध का चरित्र बदल रहा है. हर दिन, हम नयी तकनीकें खोज रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर ने हमें यह स्पष्ट रूप से बताया है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं और भविष्य में हमें क्या चाहिए.
इसलिए अपनी खुद की विचार प्रक्रियाओं को फिर से संगठित करने के लिए बहुत काम करने की आवश्यकता है, जो पहले से ही चल रही है.
एयर चीफ मार्शल ने कहा, भविष्य में भी, हम एक राष्ट्र के रूप में माल वितरित करने में सक्षम होंगे और हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे.
बताया कि एएमसीए- उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान को निजी उद्योग की भागीदारी के लिए भी मंजूरी दे दी गयी है. यह एक बहुत बड़ा कदम है, और यह उस तरह का विश्वास है जो आज देश को निजी उद्योग पर है.
मुझे यकीन है कि यह भविष्य में आने वाली बड़ी चीजों का मार्ग प्रशस्त करेगा.