ARIF SHAJAR
एक वर्ष बाद फिर कोरोना संक्रमण ने जिस रफ्तार के साथ दस्तक दी है, उसे महामारी ही कहा जा सकता है. इसी के साथ ही ये कहना भी उचित होगा कि इस महामारी काल में जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है या यूं कहें कि इंसान की खुशियां ही कोरोना ने छीन ली हैं. त्योहारों की बात करें तो इस वर्ष भी होली की खुशियां, शबे बारात की रौनक और रामनवमी जैसे पर्व की गहमा-गहमी इंसान की जिंदगी से पूरी तरह छिन गयी. अब जबकि रमजान का महीना एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर के बीच पड़ रहा है, ये भी बेरौनक ही गुजर जायेगा.
इस साल 13 अप्रैल को चांद नजर आने की उम्मीद है. 13 या 14 अप्रैल को चांद का दीदार करने के साथ ही मुकद्दस रमजान शुरू हो जायेगा. जानकारी के मुताबिक पहला रोजा 14 घंटा 8 मिनट की अवधि का होगा. इसे सबसे छोटा रोजा बताया जा रहा है. वहीं आखिरी रोजा 14 घंटा 52 मिनट का होगा और सबसे बड़ा रोजा होगा. आइये जानते हैं रमजान से जुड़ी जरूरी बातें.
रमजान क्या है
इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौंवा महीना होता है. इसे माह-ए-रमजान भी कहा जाता है. यह पवित्र महीना है, जिसमें खुदा की इबादत की जाती है. दुनिया भर के मुसलमान इस मौके पर पूरा महीना सुबह से शाम तक उपवास करते हैं. इफ्तार के बाद खास तरह की नमाज यानी 20 रेकअत नमाज-ए- तरावीह अदा की जाती है. पूरे महीने मस्जिदों और घरों पर कुरआन को सुनने और सुनाने का सिलसिला चलता है. महीने भर इबादत की जाती है और अपने गुनाहों की माफी मांगी जाती है.
रमजान का महीना खुद को संयमित और अनुशासित बनाये रखने का नाम है.महीने के आखिरी दस दिनों के दौरान पांच विषम नंबर की रातों में से एक लैलतुल कद्र पड़ता है. रमजान का महीना खत्म होने पर ईद का चांद नजर आता है. यानी चांद के दिखाई देने की पुष्टि होने पर ईद की तारीख का एलान होता है.
कुरआन इसी महीने में उतरना शुरू हुआ था
आखिरी पैगंबर मुहम्मद साहब पर कुरआन इसी महीने में उतरना शुरू हुआ था. मुसलमानों के लिए इस लिहाज से इस महीने का महत्व और भी बढ़ जाता है. रमजान में गरीबों को जकात (दान) देने और रोजेदारों को इफ्तार कराने का विशेष महत्व है.
मुस्लिम धर्म गुरुओं का मुसलमानों को खास संदेश
इस बार का रमजान भी पिछले साल के मुकाबले ज्यादा अलग नहीं है. फर्क सिर्फ इतना है कि पिछले साल पूरी तरह लॉकडाउन के साये में रमजान और ईद बीता था, लेकिन इस बार कुछ जगहों पर नाईट कर्फ्यू या सप्ताहांत पर मिनी लॉकडाउन देखने को मिल रहा है. कोरोना महामारी के बीच शुरू हो रहे महीने को देखते हुए मुस्लिम धर्म गुरुओं ने मुसलमानों को खास संदेश दिया है. बयान में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने रमजान के दौरान कोविड नियमों का पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और नाइट कर्फ्यू को देखते हुए ही पवित्र महीने में इबादत की जाये. मस्जिदों में कोविड-19 नियमों का पालन हो, ज्यादा लोग इकट्ठा ना हों. मस्जिदों में मास्क, सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन जरूर सुनिश्चित किया जाये. और सभी रोजेदार सेहरी और इफ्तार में कोरोना के खात्मे की दुआ करें.
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