Ranchi: व्यवहार न्यायालय, रांची में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में 2768 वादों का निष्पादन किया गया. लोक अदालत के दौरान 6 करोड़ 24 लाख 53 हजार 603 रुपये रुपये की वसूली हुई. इन बिजली विभाग से जुड़े हुए 32 मामलों को निष्पादन किया गया. प्री-लिटिगेशन के कुल 519 मामले और 2252 लंबित मामलों का निष्पादित किया गया. निष्पादित मामलों में आपराधिक सुलहनीय मामले, ट्रैफिक, उत्पाद, वन, मापतौल, रेलवे एवं बैंकिंग इत्यादि के मामले प्रमुख हैं. राष्ट्रीय लोक अदालत में 46 बैंचों का गठन किया गया था, जिसमें न्यायिक पदाधिकारियों के लिए कुल 28 और एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के लिए कुल 18 बैंचों का गठन किया गया था.
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इनकी रही उपस्थिति
झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस एचसी मिश्रा के निर्देश पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन रांची कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पीयूष कुमार, दिवाकर पाण्डेय, अनिल मिश्रा, सुधांष शेखर, मनीष कुमार, एस.एन. मिश्रा एवं डी.के. मलिक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
इस मौके पर कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पीयूष कुमार ने कहा कि लोक अदालत दोनों पक्षों के लिए लाभकारी होता है, तथा इससे न्यायालय के मामलों का बोझ भी कम होता है. लोक अदालत एक पर्व की तरह आयोजित किया जाता है और कोरोना काल में भी पक्षकार वर्चुअल माध्यम से जुड़कर अपने मामलों को निस्तारित करा रहे हैं.
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