संवेदकों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो गर्मी के इस मौसम में हर घर नल-जल योजना पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और राज्य के करीब 50 लाख लोग पेयजल संकट का सामना कर सकते हैं.संवेदकों ने चैंबर पदाधिकारियों को बताया कि उन्होंने इस संबंध में विभागीय मंत्री और सचिव से कई बार गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला. उन्होंने यहां तक कहा कि कई बार वार्ता की कोशिश पर विभागीय अधिकारियों ने असहयोगपूर्ण रवैया अपनाते हुए उन्हें कार्यालय से बाहर निकालने के लिए सुरक्षा बल बुलाने तक की बात कही.
मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष परेश गट्टानी ने संवेदकों को आश्वस्त किया कि जल्द ही इस विषय पर विभागीय अधिकारियों से औपचारिक वार्ता की जाएगी. उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से भी अपील की कि जनहित से जुड़ी इस अहम योजना को बचाने के लिए विभागीय स्तर पर तत्काली कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.उन्होंने कहा कि चैंबर इस मुद्दे पर संवेदकों के साथ है और इसे लेकर जल्द ही विभागीय मंत्री से मुलाकात की जाएगी. इस बैठक में चैंबर के सह सचिव विकास विजयवर्गीय समेत प्रमुख संवेदक प्रभात कुमार, अनिल कुमार, शिवम कुमार, बिजय कुमार, बसंत कुमार, हरिष शर्मा, नीलांब कुमार, अनंत सिन्हा, प्रवीण झा, विनय कुमार, गुडूडू सिंह, अनिस, दिलीप कुमार, जितेंद्र कुमार, धनंजय सिंह, विपिन सिंह, एस. शंकर, राकेश कुमार, अनिल गुप्ता, अजय कुमार और संजय कुमार आदि उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें – ममता">https://lagatar.in/mamata-said-waqf-bill-is-responsible-for-murshidabad-violence-we-will-not-allow-divide-and-rule-policy-in-bengal/">ममता
ने कहा, मुर्शिदाबाद हिंसा के लिए वक्फ विधेयक जिम्मेदार, बंगाल में फूट डालो और राज करो की नीति नहीं चलने देंगे