राष्ट्रपति के नाम राजभवन को सौंपा ज्ञापन
Ranchi : केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी राज्यों की आर्थिक नाकेबंदी, केंद्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग और देश के फेडरल चरित्र को दरकिनार कर विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों की संविधान विरोधी भूमिका के खिलाफ गुरुवार को सीपीआईएम ने झारखंड में केरल एकजुटता दिवस आयोजित किया. राजधानी रांची में राजभवन मार्च आयोजित कर केरल सरकार के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी और वहां के राज्यपाल की संविधान विरोधी भूमिका का विरोध किया. इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की मांग की. राष्ट्रपति के नाम राजभवन को ज्ञापन सौंपा. राजभवन पर आयोजित विरोध सभा की अध्यक्षता पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य सुरेश मुंडा ने की.वक्ताओं ने कहा, केंद्र कर रहा राज्यपालों का गलत इस्तेमाल
सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष मुक्त भारत के एजेंडे को लागू करने की साजिश के तहत संविधान को ताक पर रखकर राज्यपालों का गलत इस्तेमाल कर रही है. इसका ताजा उदाहरण केरल के राज्यपाल की शर्मनाक भूमिका में देखा जा सकता है. राज्य विधानसभा से पारित जनहित के विधेयकों पर कुंडली मार कर बैठे हुए हैं और उसे राष्ट्रपति को नहीं भेजा जा रहा. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी लोकतंत्र विरोधी रवैये को नोट करते हुए गंभीर टिप्पणी की है. सभा को पार्टी के जिला सचिव सुखनाथ लोहरा, सुफल महतो, सुभाष हेम्ब्रम, प्रफुल्ल लिंडा, सीपीआई के अजय सिंह और भाकपा (माले) के विनोद लाहरी ने भी संबोधित किया. इसके पहले माकपा कार्यकर्ताओं ने शहीद चौक से जुलूस निकाला और नारे लगाते हुए राजभवन पहुंचे. इसे भी पढ़ें : हजारीबाग">https://lagatar.in/hazaribagh-black-game-of-red-sand-ban-imposed-mafia-selling-at-five-times-higher-price/">हजारीबाग: लाल बालू का काला खेल : लगी है रोक, पांच गुनी अधिक कीमत पर बेच रहे माफिया [wpse_comments_template]