alt="" width="600" height="400" /> बैठक में ज़िले में बढ़ते अपराधों, लंबित वारंटों, बच्चों से जुड़े संवेदनशील मामलों (POCSO एक्ट), अवैध खनन और शराब के धंधे, और सरकारी योजनाओं में आ रही कानूनी अड़चनों पर विस्तार से चर्चा की ग. उपायुक्त ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हर विभाग को आपसी समन्वय बनाकर तेजी से कार्रवाई करनी होगी, ताकि लोगों को सुरक्षा और योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके. खास बात यह रही कि उपायुक्त ने सर्टिफिकेट केसों की धीमी प्रगति पर भी चिंता जताई और संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए समयसीमा तय करने को कहा. बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था तभी सफल मानी जाएगी, जब आम जनता खुद को सुरक्षित और सशक्त महसूस करे.उन्होंने सभी अधिकारियों से ज़मीनी स्तर पर सक्रिय रहने की अपील की

रांची DC की अधिकारियों को दो टूक, कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं

Ranchi : रांची में कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के मकसद से सोमवार को समाहरणालय स्थित सभागार में समीक्षा बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता रांची के उपायुक्त-सह-ज़िला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री ने की.बैठक में रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, नगर और ग्रामीण क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
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alt="" width="600" height="400" /> बैठक में ज़िले में बढ़ते अपराधों, लंबित वारंटों, बच्चों से जुड़े संवेदनशील मामलों (POCSO एक्ट), अवैध खनन और शराब के धंधे, और सरकारी योजनाओं में आ रही कानूनी अड़चनों पर विस्तार से चर्चा की ग. उपायुक्त ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हर विभाग को आपसी समन्वय बनाकर तेजी से कार्रवाई करनी होगी, ताकि लोगों को सुरक्षा और योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके. खास बात यह रही कि उपायुक्त ने सर्टिफिकेट केसों की धीमी प्रगति पर भी चिंता जताई और संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए समयसीमा तय करने को कहा. बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था तभी सफल मानी जाएगी, जब आम जनता खुद को सुरक्षित और सशक्त महसूस करे.उन्होंने सभी अधिकारियों से ज़मीनी स्तर पर सक्रिय रहने की अपील की
alt="" width="600" height="400" /> बैठक में ज़िले में बढ़ते अपराधों, लंबित वारंटों, बच्चों से जुड़े संवेदनशील मामलों (POCSO एक्ट), अवैध खनन और शराब के धंधे, और सरकारी योजनाओं में आ रही कानूनी अड़चनों पर विस्तार से चर्चा की ग. उपायुक्त ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि हर विभाग को आपसी समन्वय बनाकर तेजी से कार्रवाई करनी होगी, ताकि लोगों को सुरक्षा और योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके. खास बात यह रही कि उपायुक्त ने सर्टिफिकेट केसों की धीमी प्रगति पर भी चिंता जताई और संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए समयसीमा तय करने को कहा. बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था तभी सफल मानी जाएगी, जब आम जनता खुद को सुरक्षित और सशक्त महसूस करे.उन्होंने सभी अधिकारियों से ज़मीनी स्तर पर सक्रिय रहने की अपील की