Ranchi: 23 दिसंबर को पूरे भारत में किसान दिवस मनाया जाता है. देश में पिछले 20 दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर कड़कड़ाती ठंड में सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर हैं. इधर झारखंड में भी किसानों को उनका हक नहीं मिल रहा है. झारखंड सरकार की तरफ से धान खरीद के लिए बोनस मिला कर 2050 रुपए तय किया गया है. लेकिन किसानों को धान की कीमत इतनी नहीं मिल रही है. धान खरीदी का पूरा सिस्टम ठप है. लिहाजा इसका फायदा बिचौलिए उठा रहे हैं. बिचौलिए मात्र 10-13 रुपए के दाम पर झारखंड के किसानों को रेल के रास्ते आंध्र प्रदेश भेजने का काम कर रहे हैं और पूरा सिस्टम आंख बंद कर तमाशा देख रहा है.
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चावल बोलकर कर रहे धान की ढुलाई
लगातार न्यूज नेटवर्क के संवाददाता को खबर मिली की हटिया स्टेशन से बिचौलिए रेल के रास्ते धान ढोकर आंध्रप्रदेश ले जा रहे हैं. जब लगातार न्यूज की टीम वहां पहुंची तो बात सच निकली. करीब 100 से ज्यादा मजदूर चावल के नाम पर धान को रेल रैक में भरने का काम कर रहे थे. वहां के व्यवसथापक से लगातार की टीम ने बात की तो बताया गया कि धान नहीं चावल की ढुलाई की जा रही है. यह बात सरासर गलत निकली. हमारे संवाददाता ने मौके पर से ही लगातार फेसबुक पेज पर लाइव किया और जनता को यह दिखाने की कोशिश की कि कैसे चावल के नाम पर धान की ढुलाई की जा रही है. और कैसे झारखंड के किसानों की मेहनत औने-पौने दाम पर बिचौलियें ढो कर दूसरे राज्य ले जा रहे है.
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किसान धैर्य से काम लें, सरकार ने धान खरीदी की पूरी व्यवस्था की हैः अरुण सिंह, सचिव खाद्य आपूर्ति विभाग
धान खरीदी का काम हर जिले में मुकम्मल तरीके से चल रहा है. सरकार ने इसके लिए सारी व्यवस्था की है. जिला स्तर पर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है. विभाग की तरफ से हर अखबार में विज्ञापन निकाला गया है. धान खरीदी में कोई भी समस्या हो तो अखबार के विज्ञापन को देखें. उसमें हर समस्या का समाधान दिया हुआ है. विज्ञापन में किसान कैसे धान बेचने के लिए रजिस्टर्ड हो सकते हैं, बताया गया है. किसानों को धान बेचते ही 48 घंटे के अंदर आधी राशि उनके अकाउंट में जमा हो जाएगी. एक महीने में उन्हें पूरी राशि मिल जाएगी. किसानों को थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है. इसके बाद भी अगर किसानों को समस्या होती है, तो विज्ञापन में दिए गए नंबर वो कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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