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मां पार्वती की भक्ति में लीन हुआ रांची: दिखा आस्था व परंपरा का संगम

Ranchi: सोमवार को अरगोड़ा चौक में भक्ति, आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला. मंडा पूजा के अवसर पर निकाले गए भव्य जुलूस में भोक्ता और शोक्ताइन पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे होकर सड़कों पर उतरे. रंग-बिरंगी साड़ियों में लिपटी महिलाएं, सिर पर पारंपरिक पगड़ी, मोरपंख, घुंघरू और गिलौची की माला पहने पुरुष भोक्ताओं ने मां पार्वती की जीवंत छवि को साकार कर दिया. इसे भी पढ़ें - झारखंड">https://lagatar.in/jharkhand-governments-big-decision-poor-people-will-get-3-months-ration-before-monsoon/">झारखंड

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नगाड़े की ताल पर थिरकते कदम, झांझ की संगत में झूमे श्रद्धालु
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alt="dfgbdfb" width="600" height="400" /> अरगोड़ा चौक स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पास श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना की. ढोल, नगाड़ा और शहनाई की पारंपरिक धुनों ने वातावरण को भक्तिरस से सराबोर कर दिया. भोक्ताओं ने एक-दूसरे का ‘बेथ’ (डंडी) पकड़कर झूमर नृत्य किया. नगाड़े की ताल और झांझ की संगत ने श्रद्धालुओं को भक्ति की गहराइयों में डुबो दिया.
पटभोक्ता ने ‘किल’ में सोकर दिखाया शिव-पार्वती की भक्ति का अनुपम दृश्य
शोक्ताइन सिर पर गिलौची के फूलों और मालाओं से सजी हुईं, कसा लोटे लेकर चल रही थीं. यह दृश्य मां पार्वती और भगवान शंकर की भक्ति, आस्था और परंपरा का अनूठा प्रतीक था - ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो स्वयं मां पार्वती धरती पर अवतरित हुई हों. राजू ठाकुर के घर पूजा शुरू होने के बाद, पटभोक्ता को विधिपूर्वक सुसज्जित रथ (ई-रिक्शा) पर ‘काटी’ में सुलाया गया. आधे घंटे तक नृत्य करते हुए जुलूस मंदिर तक पहुंचा. ठाकुरगांव से आए छह विशेष शिव भक्तों ने पटभोक्ता को लेकर अरगोड़ा बुढ़ा महादेव मंदिर पहुंचाया. उनके पीछे शोक्ताइन श्रद्धापूर्वक चलती रहीं. यह दृश्य श्रद्धा, परंपरा और भक्ति का जीवंत उदाहरण बन गया.
सुख-शांति और समृद्धि के लिए भक्तों ने ग्रहण किया प्रसाद
पुजारी परक्षित गोस्वामी ने बताया कि दादू घाट (अरगोड़ा तालाब) पर विशेष पूजा का आयोजन हुआ, जिसमें जल को जीवन का प्रतीक मानते हुए वरुण देव की आराधना की गई. शाम को सभी भोक्ताओं को एक-एक कर झूले पर झुलाया गया. झूले से फूल और प्रसाद गिराए गए, जिन्हें महिलाएं अपने आंचल में और पुरुष हाथों से ग्रहण कर रहे थे. मान्यता है कि इस प्रसाद को ग्रहण करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.
शिव को पाने की साधना में पार्वती रूप बने भोक्ता
इस आयोजन में भोक्ता मां पार्वती का स्वरूप धारण कर सती के उस रूप को जीवंत कर रहे थे, जिसमें उन्होंने भगवान शिव को पाने के लिए आत्मदाह किया था. यह परंपरा आज भी उसी आध्यात्मिक समर्पण और प्रेम की याद दिलाती है.
मंडा पूजा में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, लगा मेला
श्री मंडा पूजा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति द्वारा आयोजित इस अवसर पर अरगोड़ा मैदान में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. स्थानीय कलाकारों ने एक से बढ़कर एक लोकगीत, नागपुरी गीत प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया. साथ ही मेले में मिठाई, झूले और खिलौनों की सैकड़ों दुकानें सजी थीं, जहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी. इसे भी पढ़ें -विदेश">https://lagatar.in/foreign-ministry-said-pakistan-should-vacate-pok-entry-of-third-party-is-not-considered/">विदेश

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