लोहरदगा-गुमला को पर्यटन स्थल में विकसित करने की मांग
इस यात्रा के जरिए उन्होंने झारखंड सरकार से भी कुछ मांगे की. उन्होंने मांग की कि सरकार गुमला और लोहरदगा के किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना करें. इसके साथ ही इन जिलों में पर्यटक संभावनाओं को देखते हुए इसे पर्यटक स्थल के रुप में विकसित करने और जिलों में शिक्षा स्तर को देखते हुए कृषि विश्वविद्घायल, मेडिकल कॉलेज सहित अन्य शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना करने की मांग की.इसे भी पढ़ें-चतरा">https://lagatar.in/youth-shot-dead-in-chatras-piri-bazaar-feared-by-maoists-to-carry-out-the-incident/18704/">चतरा
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कंपनी ने जिले में खनन किया पर नहीं दिया स्थानीय लोगों को रोजगार
यात्रा में हिंडाल्कों कंपनी को विरोध कर रहे लोहरदगा से आए लोगों ने कहा कि आजादी से पहले हिंडाल्को लोदरहगा में स्थापित की गई थी. लोहरदगा के माध्यम से सिल्ली और मुरी में फैक्ट्री चल रही है. लेकिन लोहरदगा और गुमला के लोगों को उसमें कोई काम नहीं दिया गया. पद यात्रा कर वे वर्तमान सरकार को यह बताना चाहते है कि अगर हिंडाल्को हमारी बातों को नहीं मानती है तो हम आंदोलन करेंगे.इसे भी पढ़ें- झारखंड">https://lagatar.in/when-the-first-death-of-corona-took-place-in-jharkhand-the-family-is-scared-by-remembering/18715/">झारखंड
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जिले के शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार, पेयजल, अस्पताल का निर्माण जैसी मांगों का सौंपा ज्ञापन
कंपनी के खिलाफ विरोध करते हुए उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए उन्होंने कई मांगे की. जिसमें मुख्य रुप से हिंडाल्कों लोहरदगा और गुमला के शिक्षित बेराजगारों को अपनी फैक्ट्री में 25 प्रतिशत आरक्षण देने, इन जिलों के लोगों के लिए तकनीकी शिक्षा नि:शुल्क देने, पेयजल की व्यवस्था करने, खनन से होने वाले प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल की स्थापना, खनन की गई जमीनों को वापस खेती के लायक बनाकर रैयतों को वापस देना, अपने डंपिंग यार्ड को तुरंत हटाने जैसी कुछ अन्य मांगे की.