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परंपरा, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज झारखंड
झारखंड प्रकृति की सुंदरता और प्रचुरता से संपन्न है. जंगल, हरियाली से सजे पहाड़, मंत्रमुग्ध करने वाले झरने, अक्षुण्ण परम्परा और संस्कृति से लेकर सुंदर और शांत पर्यटन स्थलों की बदौलत झारखण्ड पर्यटन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सक्षम है. इसलिए राज्य में पर्यटन के फलने-फूलने के लिए एक स्पष्ट नीति का निर्धारण समय की मांग थी. नई पर्यटन नीति 2021 इस मांग की पूर्ति करता है. नई नीति पर्यटन और अर्थव्यवस्था को गति देते हुए पर्यटकों का प्रकृति के साथ अद्भुत और अविस्मरणीय मिलन का माध्यम भी साबित होगा. इसे भी पढ़ें- चक्रधरपुर">https://lagatar.in/chakradharpur-woman-dies-of-snakebite-in-sagipi-village-of-kulitodang-panchayat/">चक्रधरपुर: कुलीतोड़ांग पंचायत की सागीपी गांव में सर्पदंश से महिला की मौत
पर्यटकों के सभी जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान
नीति के तहत सरकार का ध्यान पारसनाथ, मधुबन और इटखोरी को धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने पर है. लातेहार-नेतरहाट-बेतला-चांडिल-दलमा-मिरचैया-गेतलसूद सर्किट जैसे इको-सर्किट का विकास कर राज्य में इको-टूरिज्म की अपार संभावनाओं को तलाशा जायेगा. विभिन्न मेलों, त्योहारों, सांस्कृतिक और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य की समृद्ध परम्परा और सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को रूबरू कराने का अवसर देने का प्रयास नीति के माध्यम से किया जायेगा. इस नीति में पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइम्बिंग, मोटर ग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों की श्रृंखला भी शामिल है. बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटे होने के कारण झारखण्ड को भौगोलिक लाभ भी प्राप्त होगा और इस तरह वीकेंड गेटवे की तलाश करने वालों के लिए झारखंड एक आदर्श स्थल के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सकता है. नीति का एक अनूठा पहलू खनन पर्यटन को बढ़ावा देना भी है. नीति के तहत चिह्नित सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार झारखण्ड पर्यटन विकास निगम के आधुनिकीकरण की योजना बना रही है। इसके अलावा मौजूदा पर्यटक सूचना केंद्रों के उन्नयन पर जोर दिया जाएगा, जो पर्यटकों की सभी जरूरतों को पूरा करेगा. इसे भी पढ़ें- लातेहार">https://lagatar.in/latehar-dmft-fund-robbery-road/">लातेहार: DMFT फंड की लूट, सड़क, तालाब व आंगनबाड़ी केंद्र में भारी अनियमितता