Ranchi : रांची में रविवार 24 दिसंबर को जनजाति सुरक्षा मंच ईसाई व इस्लाम धर्म को अपनाने वाले आदिवासियों को ‘अनुसूचित जनजाति’ की सूची से हटाने की मांग को लेकर रैली निकालेगा. इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ताओं व जन संगठनों ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, रांची डीसी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर रैली पर कड़ी निगरानी रखने की मांग की है. साथ ही उन्होंने रैली में नफरती, सांप्रदायिक व भड़काऊ भाषण देने पर विधिसम्मत कार्रवाई करने की मांग की है.
नफरती, सांप्रदायिक व भड़काऊ भाषण देने पर कार्रवाई करने की मांग
सामाजिक कार्यकर्ताओं व जन संगठनों ने पत्र में लिखा कि अगर किसी भी परिस्थिति में रैली में नफरती, सांप्रदायिक व भड़काऊ भाषण दिया जाता है, तो “ASHWINI KUMAR UPADHYAY versus UNION OF INDIA & ORS.” (Writ Petition (Civil) No. 943/2021) मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशनुसार दोषियों व आयोजकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A, 153B, 295A, 505(1) समेत अन्य संबंधित धाराओं के तहत बिना शिकायत के suo motu प्राथमिकी दर्ज कर न्यायसंगत कार्रवाई करने की गुहार लगायी है.
धर्म के नाम पर सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश कर रहा जनजाति सुरक्षा मंच
पत्र में लिखा है कि आदिवासियों को सरना-ईसाई के नाम पर आपस में लड़ाना, उनके जमीन को लूटना, आदिवासियों के स्वतंत्र अस्तित्व को खत्म करना और देश को हिंदू राष्ट्र बनाना ही जनजाति सुरक्षा मंच का उद्देश्य है. ईसाई व इस्लाम धर्म को अपनाने वाले आदिवासियों को ‘अनुसूचित जनजाति’ की सूची से हटाने की मांग तथ्यों से परे है. पत्र में लिखा कि संविधान की धारा 366 और 342 के मध्याम से ही किसी भी आदिवासी समूह को ‘अनुसूचित जनजाति’ माने जाने का स्पष्ट प्रावधान है. इन धाराओं में धर्म का कहीं कोई जिक्र नहीं है. झारखंड समेत देश के अधिकांश सरकारी उपक्रमों में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटे आधा से ज़्यादा खाली है. लेकिन जनजाति सुरक्षा मंच सोशल मीडिया व कार्यक्रमों में भ्रामक खबरों के जरिये आदिवासी समाज में धर्म के नाम व आरक्षण संबंधित तथ्यहीन बातों पर सांप्रदायिक विभाजन करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन इनको रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. क्रिसमस से एक दिन पहले जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा डीलिस्टिंग की मांग पर रैली का आयोजन करना आदिवासियों के बीच धर्म के नाम पर सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश है. बता दें कि जनजाति सुरक्षा मंच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े वनवासी कल्याण आश्रम की पहल है.