Ranchi : घाघरा के चर्चित भाई बहन हत्याकांड मामले को लेकर झारखंड पुलिस में दोनों मुख्य आरोपी का फोटो जारी किया है. पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि इस घटना में दोनों की पुलिस को तलाश है. इन दोनों के संबंध में सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जायेगा और सूचना देने वाले को उचित पुरस्कार भी दिया जायेगा. अगर कोई व्यक्ति या संगठन के द्वारा इन दोनों को आश्रय देने वाले पर भी कानूनी कार्रवायी की जायेगी. बता दें की गुमला के घाघरा थाना क्षेत्र के कोटामाटी नदी के पास 25 अक्टूबर की रात भाई-बहन की हत्या कर दी गई थी.
डीजीपी ने थाना प्रभारी को किया था सस्पेंड
गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के कोटामाटी नदी के पास 25 अक्टूबर की रात भाई-बहन हत्याकांड मामले में डीजीपी एमवी राव ने शनिवार को लोहरदगा के सदर थाना प्रभारी केश्वर साहू को सस्पेंड कर दिया था. गुमला दौरे पर पहुंचने के बाद डीजीपी ने यह कार्रवायी की थी. उन्होंने लोहरदगा के एसपी को मौके से ही फोन कर सदर थाना प्रभारी को सस्पेंड किए जाने का निर्देश दिया था. यह कार्रवाइ लोहरदगा के सदर थाना प्रभारी केश्वर साहू द्वारा लापरवाही बरतने की वजह से की गयी थी.
भाई बहन का शव हुआ था बरामद
बता दें की 25 अक्टूबर की रात करीब 7:30 बजे दोनो सगे भाई-बहन अपने पैतृक गांव कोटामाटी से लोहरदगा वापस लौट रहे थे. तभी रास्ते से दोनों का अपहरण कर लिया गया था. इधर, घंटों बीतने के बाद जब दोनों लोहरदगा नहीं पहुंचे तो परिवार के लोग चिंतित हो उठे. इसके बाद उन्होंने अपने पैतृक गांव कोटामाटी के परिजनों से संपर्क कर उनके बारे में जानकारी ली. गांव के परिजनों ने घंटों पहले उनके निकल जाने की जानकारी दी थी. परिजनों ने लोहरदगा के सदर थाना पहुंचकर इसकी लिखित शिकायत की थी. लेकिन लोहरदगा थाना ने कोई कार्रवाइ नहीं की.
दूसरे दिन नवा टोली से मिला था शव
दूसरे दिन सुबह होने पर परिजनों को दोनों भाई-बहन का शव शव चुंदरी नवाटोली मे मिला था. इस घटना के बाद मृतकों के चाचा बाल किशुन भगत ने पुलिस की लापरवाही के कारण दोनों बच्चों की हत्या होने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर लोहरदगा व घाघरा की पुलिस तत्परता दिखाती तो दोनों की जान बच सकती थी. क्योंकि बच्चों के घर नही पहुंचने पर सबसे पहले परिजनों ने इसकी सूचना देने के लिए घाघरा थाना के विभागीय नंबर पर संपर्क किया था, पर वो बंद था. इसके बाद परिजनों ने लोहरदगा सदर थाना पहुंचकर इसकी लिखित शिकायत की थी. लेकिन लोहरदगा सदर थाना की पुलिस ने घाघरा थाना से संपर्क तक नहीं किया.