Saurav singh
Ranchi : झारखंड पुलिस की कार्रवाई में इस वर्ष सबसे अधिक पीएलएफआई उग्रवादी मारे गये है. इस वर्ष जनवरी से लेकर अबतक राज्य के अलग-अलग जिले में पुलिस और नक्सली के बीच 43 मुठभेड़ हुए है. जिनमें अलग-अलग नक्सली संगठन के 12 उग्रवादी मारे गये है. सबसे अधिक पीएलएफआई संगठन के छह उग्रवादी मारे गये है. इसके अलावा भाकपा माओवादी के पांच और टीपीसी के एक माओवादी मारे गये है. पिछले छह वर्षों की तुलना में वर्ष 2020 में झारखंड पुलिस सबसे अधिक सुरक्षित रही है.
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छह वर्षों की तुलना में 2020 में झारखंड पुलिस सबसे अधिक सुरक्षित
पिछले छह वर्षों की तुलना में इस वर्ष झारखंड पुलिस सबसे अधिक सुरक्षित है. छह वर्षों की बात की जाये तो वर्ष 2014 में 8, 2015 में 4, 2016 में 9, 2017 में 2, 2018 में 9, 2019 में 14 और 2020 में अबतक सिर्फ एक पुलिस शहीद हुए है. पिछले साल की तुलना में इस वर्ष पुलिस और मजबूत दिख रही है. नक्सलियों के द्वारा वाहनों में आगजनी की बात करें तो वर्ष 2018 में 34, 2019 में 23 और वर्ष 2020 में अबतक 16 आगजनी की घटना हुई है.
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नक्सलियों के खिलाफ अभियान में बढ़ा सफलता का प्रतिशत
स्थानीय खुफिया इनपुट की मदद से नक्सलियों के खिलाफ अभियान की सफलता का प्रतिशत बढ़ गया है. नक्सलियों के कोड़ वर्ड और उनकी लोकल भाषा को समझने की वजह से जवानों को काउंटर रणनीति में सफलता मिल रही है. नक्सलियों द्वारा छुपाये गये डेटोनेटर और विस्फोटक भारी मात्रा में बरामद हुए हैं. नक्सलियों द्वारा पुलिस पर हमले के लिए लगाये गये सैकड़ों की संख्या में आईईडी को भी विस्फोट से पहले ही निष्क्रिय करने में जवानों को सफलता मिली है. पुलिस के द्वारा लगातार चलाये जा रहे अभियान से नक्सलियों को जान बचाने के लिए नये ठिकानों की तलाश में इधर-उधर भागना पड़ रहा है.
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जानिए इस वर्ष कब और कहां मारे गये नक्सली
31 मार्च: गुमला जिले के विशनपुर थाना क्षेत्र के घाघरा गांव के पास पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमें रवींद्र गंझू दस्ते का एक माओवादी मारा गया था.
4 अप्रैल: चाईबासा में नक्सलियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी. इसमें तीन नक्सली ढेर हो गये थे.यह मुठभेड़ जिले के गुदड़ी इलाके के चिरूम गांव में हुई थी.
18 मई: सिमडेगा के जलडेगा थाना क्षेत्र स्थित जुनाडीह बेंदोचुआ जंगल में पुलिस और पीएलएफआई के बीच हुई थी. इस मुठभेड़ में एक उग्रवादी मारा गया था. जबकि छह अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था.
28 मई: चाईबासा के पोड़ाहाट जंगल के मनमारू पहाड़ी इलाके में पुलिस ने मुठभेड़ में पीएलएफआई के एरिया कमांडर चंपा सहित उसकी पत्नी और सेंकड मोदी नाम के चर्चित उग्रवादी को मार गिराया था.
18 जून: कोडरमा में भाकपा माओवादी प्रद्युम्न शर्मा के दस्ते के साथ सुरक्षाबलों के मुठभेड़ में श्रवण मांझी नाम एक माओवादी मारा गया था. पुलिस ने मारे गये माओवादी के पास से एक एके- 47 राइफल भी बरामद किया था.
16 दिसंबर: लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र के निंद्रा जंगल (सेरक) में उग्रवादी संगठन टीपीसी और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें एक उग्रवादी मारा गया था.
18 दिसंबर: चाईबासा के गुदरी थाना क्षेत्र के बांदु गांव के जंगल में पुलिस और पीएलएफआई उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हो गया. एक अन्य को गिरफ्तार किया गया था.
21 दिसंबर: खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र में पीएलएफआई उग्रवादियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में एक PLFI के 15 लाख ईनामी उग्रवादी जीदन गुड़िया को मारा गया था.
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