
रांची : 24,206 मकानों में नहीं लगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

रांची में जल संरक्षण नियमों की अनदेखी Ranchi : राजधानी रांची में जल संकट को लेकर लगतार चेतावनी दी जा रही है. लेकिन ग्राउंड लेवल पर हालात अब भी चिंताजनक हैं. रांची नगर निगम के ताजा आंकड़े बताते हैं कि शहर में जल संरक्षण को लेकर बनाये गये नियमों का पालन सख्ती से नहीं हो रहा. नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, शहर के 80,752 मकानों में से 24,206 मकान ऐसे हैं, जिनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (RWH) अब तक नहीं लगाया गया है. जबकि नगर निगम के नियम के अनुसार, 3000 वर्ग फीट या उससे बड़े मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है. लेकिन हजारों मकान मालिक इन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं. निगम इन मकान मालिकों से डेढ़ गुना अधिक होल्डिंग टैक्स भी वसूल रहा है. इसके बावजूद लोग RWH सिस्टम लगाने से बच रहे हैं. RWH सिस्टम लगाना महंगा नहीं आपको बता दें कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में ज्यादा खर्च नहीं आता है. इसके लिए आपको प्रति वर्ग फीट सिर्फ 26 से 79 रुपये देने होंगे. रांची नगर निगम ने इसके लिए अधिकृत एजेंसियों की सूची भी जारी की है, ताकि लोग आसानी से उनसे संपर्क कर सकें. पुराने बोरिंग और चापानल से भी हो सकता है काम जल संरक्षण विशेषज्ञ सुजीत भगत का कहना है कि खराब पड़े बोरिंग और चापानलों का इस्तेमाल रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए किया जा सकता है. इससे सिर्फ 20-25 हजार रुपये में सिस्टम तैयार हो जायेगा. वहीं, अगर नया बोरिंग करना पड़े, तो खर्च 1 से 1.5 लाख तक हो सकता है. सरकारी चापानल से भी हो सकता है बड़ा बदलाव राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन यदि चाहें, तो गांवों और शहरों में खराब पड़े सार्वजनिक चापानलों का उपयोग भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कर सकते हैं. इससे कम लागत में भूजल रिचार्ज किया जा सकेगा और भविष्य में पानी की कमी से निपटने में मदद मिलेगी.