Ranchi: जयनगर एक्सप्रेस को रांची के बदले राउरकेला से चलाने के निर्णय का शहरवासियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. खासकर मिथिलांचल जाने वाले यात्रियों की संगठनों ने इस पर नाराजगी जाहिर की है. जल्द ही इस मामले को लेकर कई संगठन विरोध कर रेलवे से निर्णय को बदलने की मांग करेंगे. इसके लिए संगठन रेल मंत्री और अधिकारियों से लेकर सांसद- मुख्यमंत्री का भी दरवाजा खटखटाएंगे. इन संगठनों में रांची के विद्यापति स्मारक समिति मैथिली मंच और अन्य संगठन शामिल है.
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राउरकेला तक ट्रेन के विस्तार से बढ़ेगी यात्रियों की परेशानी
विद्यापति स्मारक समिति के अध्यक्ष लेखानंद झा ने कहा है कि वह रेलवे की इस निर्णय से आहत है. संगठन पहले से ही इस ट्रेन को चलाने के लिए लगातार मांग कर रहा है. पहले से ही इस ट्रेन में वह भी बढ़ाने की मांग की जा रही थी. साथ ही सप्ताह की सभी सातों दिन इस ट्रेन को चलाने के लिए रेल मंत्री को कई बार हम लोगों ने पत्र लिखा है. जो मांगे की गई वह तो पूरा नहीं हुआ. इसके उलट ट्रेन को ही रांची से छीन लिया गया.
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उन्होंने कहा कि रांची की ट्रेन को राउरकेला से चलाने पर रांची वासियों की मुसीबतें बढ़ जाएगी. राउरकेला से ही ट्रेन यात्रियों से भरी होगी. यहां की यात्रियों के लिए रिजर्वेशन बुकिंग मुश्किल हो जाएगा. उनका संगठन इस मामले को लेकर विरोध करेगा. डीआरएम से लेकर रेल मंत्री तक इस निर्णय को रोकने की मांग की जाएगी. जरूरत पड़ने पर हम लोग आंदोलन करने के लिए भी तैयार है.
मैथिली मंच ने भी किया विरोध
झारखंड मैथिली मंच ने भी इस निर्णय का विरोध किया है. मंच के पदाधिकारी जयंत झा ने बताया कि रेलवे ने गुपचुप तरीके से यह निर्णय लिया है. यह ट्रेन रांची से ही भरी रहती है. इसमें यात्रियों की उपलब्धता ज्यादा है. अब इस ट्रेन में राउरकेला से ही यात्रियों की भीड़ होगी. उन्होंने इसके लिए रेलवे को पत्र भी लिखा है. अगर रेलवे अपने निर्णय में बदलाव नहीं लाती है तो इसका विरोध किया जाएगा.
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सामाजिक संगठनों के इस तेवर को देखते हुए रांची सांसद संजय सेठ ने भी इस मामले पर रेलवे बोर्ड चेयरमैन से मिलने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अभी वह दिल्ली में ही हैं. वह रांची जयनगर एक्सप्रेस के यात्रियों के हित में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से मिलेंगे और समाधान करने की दिशा में पहल करेंगे.