LagatarDesk : आरबीआई की एमपीसी की तीनदिवसीय बैठक आज से शुरू हो गयी है. जो 5 अगस्त तक चलेगी. पहले यह बैठक 2 अगस्त से शुरू होने वाली थी. लेकिन कुछ कारणों के कारण इसे एक दिन बाद शुरू किया गया. बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा करेंगे. बढ़ती महंगाई और नयी जियोपॉलिटीकल फैक्टर्स के बीच आरबीआई की यह बैठक अहम मानी जा रही है. (पढ़ें, विधानसभा का मानसून सत्र : भाजपा विधायकों ने सदन का किया वॉकआउट, निकले बाहर, स्पीकर ने कहा- सुबह ही ब्लड प्रेशर का टैबलेट खाकर आया हूं)
4.90 फीसदी से बढ़कर 5.25 फीसदी हो सकता है रेपो रेट
रिपोर्ट्स की मानें तो आरबीआई एक बार फिर ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है. बोफा सिक्योरिटीज और ब्रोकरेज हाउस के अनुसार, रेपो रेट में 35 बेसिस पाइंट बढ़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो रेपो रेट 4.90 फीसदी से बढ़कर 5.25 फीसदी हो जायेगी.
इसे भी पढ़ें : विधायक कैश कांड BREAKING : सर्च वारंट लेकर सिद्धार्थ मजूमदार के घर छापेमारी को पहुंची CID, दिल्ली पुलिस ने रोका
सभी तरह के लोन हो जायेंगे महंगे
रेपो रेट बढ़ने से आम लोगों की जेब पर असर पड़ेगा. आरबीआई के इस फैसले से लोगों को होम लोन, कार लोन समेत अन्य लोन लेना महंगा हो जायेगा. लोगों को होम लोन, कार लोन समेत अन्य लोन लेना महंगा हो जायेगा. जिसके कारण लोगों को पहले की तुलना में ज्यादा ईएमआई देनी होगी.
इसे भी पढ़ें : BIG BREAKING : ईडी ऑफिस पहुंचे सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद , पूछताछ शुरू
बढ़ती महंगाई को लेकर सख्त रुख अपनायेगा आरबीआई
बोफा सिक्योरिटीज और ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, बढ़ती महंगाई को लेकर रिजर्व बैंक सख्त रुख अपना रहा है. फिलहाल केंद्रीय बैंक का मुख्य लक्ष्य महंगाई दर को नियंत्रित करना है. इसलिए मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में ब्याज दर बढ़ सकती है. बोफा ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक यह फैसला ग्रोथ और अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखकर लेगा.
इसे भी पढ़ें : लाल किले से संसद भवन तक तिरंगा बाइक रैली निकाली गयी, उपराष्ट्रपति ने दिखाई हरी झंडी
दो महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 90 बीपीएस का किया इजाफा
गौरतलब है कि लगातार दो महीनों में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 90 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. आरबीआई ने 4 मई को अचानक ब्याज दरों में बदलाव करने का ऐलान किया था. शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया था. जिसके कारण लोगों पर महंगाई का बोझ बढ़ गया था. फिर जून में रेपो रेट में 50 बेसिस पाइंट का इजाफा किया गया. जिसके बाद रेपो रेट 4.40 फीसदी से बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया था.]
इसे भी पढ़ें : अक्टूबर में शुरू हो सकती है 5G सर्विस, अंबानी ने स्पेक्ट्रम में 88,078 करोड़ किये खर्च, अडानी ने सबसे कम 212 करोड़ लगाये
अप्रैल में अपने उच्चतम शिखर को छू चुकी है महंगाई दर
ब्रोकरेज हाउस और बोफा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान 6.7 प्रतिशत और जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.2 प्रतिशत रहेगी. पिछले हफ्ते ही रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर अप्रैल में हल्की गिरावट के साथ 7.04 प्रतिशत पर आयी है. यानी अभी भी यह तय मानक से ऊपर बनी हुई है. यह इस बात का संकेत हैं कि महंगाई अपना उच्चतम शिखर छू चुकी है. ऐसे में महंगाई को काबू में करने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकते हैं. बोफा की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि ग्रोथ और अर्थव्यवस्था की स्थिति के आधार पर दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें : मानसून सत्र : सदन के बाहर धरने पर बैठे विधायकों ने सरकार पर राज्य का इस्लामीकरण करने का लगाया आरोप
क्या होती है रेपो दर?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है. रेपो रेट के कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से कर्ज महंगा हो जाता है.
इसे भी पढ़ें : गुरुग्राम : 17वीं मंजिल से गिरने से 4 मजदूर की मौत, एक की हालत गंभीर
Leave a Reply