- सुरक्षित उड़ान के लिए बीसीए की गाइडलाइन पर किये जा रहे बदलाव
- वीआईपी के साथ जानेवाले लोगों की चेकिंग व्यवस्था भी होगी उपलब्ध
Ranchi : झारखंड स्टेट हैंगर से सीएम और अन्य वीआईपी की उड़ान फिर से शुरू होनेवाली है. इसकी तैयारी हो रही है. स्टेट हैंगर को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन ( बीसीए ) के दिए गाइडलाइन के अनुसार तैयार किया जा रहा है. नौ वर्ष पहले बीसीए ने सुरक्षा कारणों से यहां से संचालित होनेवाली वीआईपी उड़ानों पर रोक लगा दी थी. इसके बाद से सभी वीआईपी उड़ानें रांची एयरपोर्ट के मुख्य टर्मिनल स्थित वीआईपी गेट से होती चली आ रही है.
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कार्य का अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है
2012 से पहले राज्य के सीएम और अन्य वीआईपी की उड़ानें स्टेट हैंगर से ही होती थी, लेकिन उड़ान संबंधी सुरक्षात्मक पहलुओं को नजरअंदाज करने के कारण बीसीए ने यह प्रतिबंध लगाए थे. इसके बाद एयरपोर्ट के मुख्य टर्मिनल से वीआईपी उड़ानों संचालित होने लगे. इससे औपचारिकताएं बढ़ गईं. बदली परिस्थितियों में वीआईपी उड़ानों के लिए स्टेट हैंगर को अतिरिक्त मैन पावर की व्यवस्था करनी पड़ी. मैनिफेस्टो के साथ प्रत्येक संभावित उड़ान की जानकारी एटीसी को देना अनिवार्य होता है. इन जानकारियों को देने की अनिवार्यता के कारण अतिरिक्त कार्य का दबाव बढ़ गया. इन कार्यों को निष्पादित करने के लिए हैंगर कर्मियों की मुख्य टर्मिनल तक भागा-भागी बढ़ गयी. इन्हीं परेशानियों से बचने के लिए अब स्टेट हैंगर को बीसीए के गाइडलाइन के अनुसार फिर से तैयार किया जा रहा है.
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प्रस्थान और आगमन के लिए होगा विशेष सिक्युरिटी एरिया
इसके लिए यहां प्रस्थान और आगमन के लिए विशेष सिक्युरिटी एरिया होगा. चेकिंग, बोर्डिंग और एराइवल की व्यवस्था होगी. वीआईपी के साथ उड़ान पर जानेवाले जरूरी लोगों की सुरक्षा जांच की व्यवस्था भी होगी. इसके लिए यहां बैगेज स्क्रीनिंग मशीन, डीएफएमडी आदि उपकरण लगाए जाएंगे. यहां की हरेक गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं.
इस बारे में बात करने पर नागर उड्डयन मंत्रालय के निदेशक कैप्टन एसपी सिन्हा ने बताया कि स्टेट हैंगर के अंदर बीसीए के गाइडलाइन के अनुसार जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं. सुरक्षित आगमन और प्रस्थान से संबंधित संसाधन और उपकरणों को लगाया जाएगा. अगले डेढ़ से दो महीने तक इसे बीसीए गाइडलाइन के अनुसार तैयार कर लिया जाएगा. इससे उड़ान संबंधी विभिन्न औपचारिकताओं को निपटाने में सुविधा होगी. इसके बाद उड़ान की अनुमति ली जाएगी.