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COVID के नाम पर निजी अस्पताल ने धन उगाही की तो होगा रजिस्ट्रेशन रद्द : बन्ना गुप्ता

  • english.lagatar.in से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत सरकार करेगी कार्रवाई

Sourabh Shukla

Ranchi : राज्य में इन दिनों कोरोना संक्रमण के मामले में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. दूसरी और कई निजी अस्पताल कोविड के नाम धन उगाही का काम कर रहे हैं. अब ऐसे अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग सख्ती बरतने के मूड में है. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसका संकेत दे दिया है. english.lagatar.in से बातचीत करते हुए बन्ना गुप्ता ने कहा है कि गुjgवार को उन्होंने स्वास्थ्य विभाग सहित राज्य के सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों के साथ आज उन्होंने एक उच्चस्तरीय बैठक की है.

शिथिलता न बरतें निजी अस्पताल

बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोई भी अगर कोविड के नाम पर धन उगाही करते हैं, क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा. ऐसे में सरकार उनके हॉस्पिटलों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने से भी पीछे नहीं हटेगी. कोविड महामारी के दौरान अगर कोई भी निजी हॉस्पिटल शिथिलता बरतता है या इस अवसर को यदि कोई धन उगाही का जरिया बनता है, तो उसपर कार्रवाई होना तय है. बन्ना ने बताया कि किसी भी हॉस्पिटल को डिसप्ले कर यह भी बताना होगा कि कोविड के इलाज के लिए उन्होंने क्या-क्या राशि ली है. उन्हें वेबसाइट में इसका पूरा विवरण दिखाना होगा.

क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट कानून पारित किया गया है

बता दें कि साल 2010 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट नाम का एक कानून पारित किया था. इस कानून के माध्यम से हर प्राइवेट अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिंग होम्स, क्लीनिक्स की जवाबदेही तय थी. इसमें ये सुनिश्चित करना था कि वह एक्ट से जुड़े मापदंडों का पालन कर रहे हैं या नहीं. ऐसा न करने पर अस्पतालों पर जुर्माने का प्रावधान था.

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