Ranchi: रिम्स में मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (MHA) कोर्स में लिखित परीक्षा के बदले वाक इन इंटरव्यू के सहारे एडमिशन हुआ. नियम बदल कर हुए इस एडमिशन में रिम्स निदेशक के पुत्र ऋषभ कुमार भी लाभांवित हुए. रिम्स ने इस कोर्स की शुरुआत तो कर दी, लेकिन अब तक रांची विश्वविद्यालय से इसकी अनुमति नहीं मिली है.
दस्तावेज के मुताबिक रिम्स ने एमएचए कोर्स में एडमिशन के लिए फरवरी 2024 को विज्ञापन प्रकाशित किया. 20 फरवरी तक आवेदन देने की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी थी. 27 फरवरी को एडमिट कार्ड जारी करने और 29 फरवरी को लिखित परीक्षा आयोजित करने की तिथि तय की गयी थी.
रिम्स द्वारा प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में कुल 11 आवेदन मिले थे. स्क्रीनिंग कमेटी ने जांच के बाद दो आवेदकों को अयोग्य करार दिया. इसमें राहुल मुर्मू और हालन बारला का नाम शामिल है. स्क्रीनिंग कमेटी ने मुर्मू को निर्धारित शैक्षणिक योग्यता पूरा नहीं करने और बारला को अधिक उम्र के कारण अयोग्य करार दिया. इससे कोर्स के छह सीटों के लिए आवेदकों की संख्या नौ हो गयी.
इसके बाद चयन समिति ने आवेदकों की संख्या कम होने के नाम पर नामांकन के लिए निर्धारित नियम बदल दिया. चयन समिति ने एडमिशन के लिए लिखित परीक्षा के बदले वाक-इन-इंटरव्यू (Walk in interview) का सहारा लेने के फैसला किया. इस फैसले के आलोक में चार मार्च 2024 को वाक इन इंटरव्यू की तिथि निर्धारित की गयी. इंटव्यू के बाद रिम्स के निदेशक डॉक्टर राजकुमार के पुत्र ऋषभ कुमार सहित छह आवेदकों का एमएचए कोर्स में एडमिशन हुआ.
एमएचए कोर्स में एडमिशन के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता
जानकारी के मुताबिक रिम्स में मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स शुरू करने का फैसला किया गया था. वर्ष 2024 से शुरू होने वाले दो साल के इस कोर्स में नामांकन से लेकर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री देने तक की प्रक्रिया निर्धारित की गयी थी. दो साल के इस कोर्स में कुल सीटों की संख्या छह निर्धारित की गयी.
एमएचए में नामांकन के लिए शैक्षणिक योग्यता एमबीबीएस, बीडीएस और आयुष निर्धारित की गयी. इसके अलावा पीजीडीएचएचएम, पीजीडीएचए में 50 प्रतिशत अंक और पांच साल का अनुभव रखने वाले आवेदकों को भी इस कोर्स में नामांकन के लिए योग्य माना गया. कोर्स के लिए आवेदक की उम्र सीमा 35 साल निर्धारित की गयी.
एमएचए कोर्स में एडमिशन के लिए निर्धारित चयन प्रक्रिया
एमएचए कोर्स में एडमिशन के लिए लिखित परीक्षा (Entrance Examination) का प्रावधान किया गया है. लिखित परीक्षा में अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत और अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 45 प्रतिशत नंबर लाने की बाध्यता तय की गयी थी. लिखित परीक्षा में सफल होने वाले आवेदकों को ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना था. इसमें सफल होने के बाद एमएचए कोर्स में एडमिशन लेने की प्रक्रिया निर्धारित थी.