Ranchi : राजधानी रांची के कई सड़कों पर स्ट्रीट लाइट खराब है. पूरी रांची की सड़कों की छोड़ दीजिए, बात राजधानी रांची के हरमू बाइपास का ही करते हैं, जिसपर वीआईपी मूवमेंट सुबह से देर रात तक होती है. जिन पॉश कॉलोनियों में सरकार के बड़े अधिकारी रहते हैं. वहां की सड़कों पर 157 स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं. हमने रातू रोड चौक से लेकर बिरसा चौक तक का जायजा लिया. इस दौरान कुल 267 बिजली के पोल पर लगी लाइट में 157 स्ट्रीट लाइट खराब मिलीं.
9 स्ट्रीट लाइट खराब हैं रातू रोड चौक से किशोरगंज चौक तक
15 स्ट्रीट लाइट खराब हैं किशोरगंज से सहजानंद चौक के बीच
7 स्ट्रीट लाइट खराब हैं सहजानंद चौक से हरमू चौक के बीच
19 स्ट्रीट लाइट खराब हैं हरमू चौक से अरगोड़ा चौक के
28 स्ट्रीट लाइट खराब हैं अरगोड़ा चौक से डिबडीह ओवरब्रिज के बीच
35 स्ट्रीट लाइट खराब हैं डिबडीह ओवरब्रिज से डीपीएस चौक के बीच
44 स्ट्रीट लाइट खराब हैं डीपीएस चौक से बिरसा चौक के बीच
चाईबासा : खराब स्ट्रीट लाइट बदलने की फिक्र किसी को नहीं
(Ramendra Kumar Sinha) चाईबासा नगर परिषद द्वारा परिषद क्षेत्र की विभिन्न सड़कों पर 1198 पोल पर स्ट्रीट लाइट लगायी गयी, लेकिन इनमें से ज्दातर खराब पड़ी हैं. हालांकि नगर परिषद का दावा है कि स्ट्रीट लाइट की समुचित देखरेख ईईएसएल द्वारा की जाती है. बुधवार की रात रात साढ़े सात से आठ बजे के बीच रतनलाल पेट्रोल पंप से पोस्ट ऑफिस चौक, पुराना आरटीओ ऑफिस होते हुए कृष्णा प्रेस तक चार किलोमीटर तक 100 बिजली पोल पर लगे बल्ब में से 20 से ज्यादा खराब मिले. यह स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से खराब हैं, पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वहीं चाईबासा रेलवे स्टेशन के पास बड़ी बाजार जाने वाली मुख्य सड़क के आधे हिस्से में अंधेरा पसरा था, क्योंकि यहां किसी पोल पर लाइट लगी ही नहीं है. यह सड़क एक किलोमीटर लंबी है. हालांकि आधे भाग में तीन- चार लाइट जलती है. बड़ी बाजार पहुंचने पर ही स्ट्रीट लाइट के दर्शन होंगे.
झील परिसर में अंधेरे का साम्राज्य, दो किमी में लगी 400 एलईडी लाइट खराब
सड़क की लंबाई : लगभग 4 किलोमीटर
बंद स्ट्रीट लाइट की संख्या: 20
सड़क का नाम: केबल कंपनी गेट से टिनप्लेट चौक सड़क
स्ट्रीट लाइट पोल की संख्या : 100
स्ट्रीट लाइट के रख-रखाव की जिम्मेवारी : नगर परिषद व ईईएसएल कंपनी.
(Amarnath Pathak) हजारीबाग का करीब दो किलोमीटर का झील परिसर. रोजाना सुबह-शाम करीब 5000 शहरवासी यहां सैर-सपाटे के लिए आते हैं. सुबह चार बजे से छह बजे और शाम छह बजे से आठ बजे तक लोग स्वास्थ्य और मनोरंजन के लिहाज से यहां भ्रमण करते हैं. झील परिसर में इतनी आबादी के भ्रमण के बाद भी अंधेरे का साम्राज्य रहता है. लोग सुबह-शाम अंधेरे में ही सैर-सपाटा करने को विवश हैं. एक दशक पूर्व इस कैंपस में विधायक मद से जिला परिषद की एजेंसी की ओर से यह लाइट लगाई गई थी. यह लाइट पूरी की पूरी खराब हो गई. कई एलईडी लाइट की चोरी हो गई. कई पोल खत्म हो गए. वहीं करीब 100 साधारण बिजली पोल भी खराब है. पूर्व दिशा की ओर लगभग 50 पोल पर बिजली ठीक है. वहीं तीन दिशाओं पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में अंधेरा ही रहता है.
कहीं-कहीं अधिकारियों के आवास से छनकर आती है रोशनी
दिलचस्प बात यह है के पूरे झील परिसर में अधिकारियों के आवास हैं. पश्चिम में कमिश्नर, डीआईजी, डीसी के सरकारी आवास हैं. उनके कैंपस से छनकर कहीं-कहीं झील परिसर में उजाला रहता है. इसी परिसर में झारखंड का प्रसिद्ध इंदिरा गांधी आवासीय बालिका उच्च विद्यालय और जेपी केंद्रीय कारागार के अलावा शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज जाने का रास्ता है. पूर्व में स्वर्ण जयंती कैफेटेरिया जगमग रहता है.
कुछ जगहों पर लगाई गई है सोडियम लाइट
झील परिसर के पश्चिम और पूर्व दिशा में कुछ जगहों पर पोल लगाकर सोडियम लाइट लगाई गई है. लेकिन झील का 75% कैंपस अंधेरे में डूबा रहता है. यहां बच्चे, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं हर तबके और वर्ग के लोग मॉर्निंग-इवनिंग वॉक के लिए आते हैं. अंधेरा होने के कारण लोगों के मन में कई तरह की आशंकाएं रहती हैं. एक बैंक कर्मी नंदकिशोर कहते हैं कि सांप-कीड़ों के काटने का भय सताता रहता है, तो महिलाओं को उचक्कों से छिनतई का डर रहता है.
खजांची तालाब से रामनगर चौक तक 50 पोल में 23 पर नहीं जले बल्ब
छाया रहता है अंधेरा, राहगीरों को आवागमन में होती है परेशानी
(Vismay Alankaar) हजारीबाग शहर के मध्य में स्थित खजांची तालाब रामनगर चौक तक कुल 50 बिजली के खंभे हैं. खजांची तालाब से कानी बाजार तक 28 खंभे हैं. फिर कानी बाजार से पीएन लाल सड़क होते हुए रामनगर चौक तक 22 खंभे. इन 50 बिजली के खंभों पर 27 में एलईडी बल्व जलते हैं, बाकी के 23 खंभों में या तो बल्व है ही नहीं या फिर खराब हो गए हैं. अभी एक वर्ष पहले ही शहर के सभी वार्डों में स्ट्रीट लाइट के लिए नगर निगम से तीन कंपनियों को लगभग पांच करोड़ का टेंडर मिला था. इसमें पांच साल तक के लिए हर बिजली के खंभे पर एलईडी बल्व लगाने और उनके खराब होने पर तत्काल बदलने का करार था. हकीकत यह है कि टेंडर मिलने के बाद हर खंभे पर एलईडी बल्व तो लगा दिया गया, लेकिन मेंटेनेंस के काम में कंपनी फिसड्डी ही रही.
मिडास, ईएसएल समेत तीन कंपनियों को स्ट्रीट लाइट का काम मिला है. वार्ड पार्षद फिरोज खलीफा ने बताया कि टेंडर के पहले वार्ड के कुल बिजली के खंभों की जानकारी मांगी गई थी. उसके बाद दो किस्तों में हर पोल पर बल्व लगाने की बात कंपनी की ओर से कही गई. अब तक 90 फीसदी पोल पर बल्व लग चुका है. कंपनी जरूरत के हिसाब से 35 वाट, 70 वाट और 110 वाट का बल्ब लगाती है. शहर के मध्य कानी बाजार के पीएन लाल मार्ग की हालत है यह कि पूरा इलाका अंधेरे में रहता है. इस मार्ग पर 10 पोल हैं, जिसमें केवल दो पोल पर ही बल्व है. यहां रहने वाले अमित बताते हैं कि बारिश का मौसम है और ऐसे में पूरा इलाका अंधेरे में रहता है. कई बार स्थानीय पार्षद को इस बारे में कह चुके हैं, लेकिन बल्व लगाए ही नहीं गए.
वार्ड-27 व 23 में 72 बिजली के पोल, 13 पर स्ट्रीट लाइट नदारद
घटिया एलइडी लगाने की वजह से कई पोल की लाइट खराब
(Gaurav Prakash) हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में घटिया एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही है, जो लगाने के कुछ दिन के बाद ही बुझ जा रही है. इस बात को लेकर शुभम संदेश की टीम ने जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की. हजारीबाग वार्ड नंबर 27 और 23 में लगभग 72 बिजली के पोल लगे हुए हैं. इनमें 13 बिजली के पोल में स्ट्रीट लाइट तो है, लेकिन वह जलती नहीं है. इस कारण वार्डवासियों को काफी परेशानी होती है. नगर निगम शहर को रोशन करने के लिए एलईडी लाइट लगाने की योजना धरातल पर लायी गई. वर्तमान समय में दूसरा फेज समाप्त हो चुका है. इसमें ईईएसएल की ओर से निगम क्षेत्र के सभी वार्डों में आवश्यकतानुसार एलईडी लाइट लगवायी है. इस कार्य में लगभग छह करोड़ की लागत आयी है. इसमें 7,285 स्ट्रीट लाइट लगाए जाएगी. तत्कालीन नगर आयुक्त माधुरी मिश्रा के कार्यकाल के दौरान कार्यकारी एजेंसी को संपूर्ण शहरी क्षेत्र को पांच क्षेत्रों में बैठकर पांच अलग अलग टीम बनाकर कार्य करने का निर्देश दिया गया था ताकि जल्द से जल्द कार्य पूरा हो जाए. अब कार्य पूरा हो चुका है. लेकिन इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़ा होना शुरू हो गया है. महज कुछ महीने में स्ट्रीट लाइट ने काम करना बंद कर दिया है.
लाइट लगाने के इस कार्य में खर्च का भुगतान नगर निगम प्रशासन स्वयं की आय तथा होल्डिंग टैक्स वाटर टैक्स आदि से करेगा. आम जनता से भारी टैक्स वसूलने के बावजूद रखरखाव को लेकर सवाल उठना शुरू हो गया है. शुभम संदेश की टीम ने हजारीबाग के महावीर स्थान चौक से लेकर राम नगर चौक और फिर शिवदयाल नगर की वस्तु स्थिति के आधार पर यह रिपोर्ट बनाई है.
राजीव गांधी चौक से हिन्दू स्कूल मार्ग में रहता है अंधेरा
आधा किमी में 10 पोल में आठ पर नहीं जलती है लाइट
(Pramod Upadhyay) हजारीबाग शहर के कचहरी मार्ग स्थित राजीव गांधी चौक से हिन्दू स्कूल होते हुए नवाबगंज मजार तक रात में अंधेरा छाया रहता है. जहां-तहां रोशनी रहती है, वह भी दुकानों से छनकर आनेवाली. 10 पोल में महज दो पोल पर ही लाइट जलती है, बाकी आठ पोल पर बल्व नहीं जलते हैं. इससे राहगीरों को आने-जाने में परेशानी होती है. पुराने समाहरणालय में भी पिछले एक साल से लाइट खराब है. जबकि अभी ट्रेजरी ऑफिस, रजिस्टार ऑफिस, नगर निगम कार्यालय और आबकारी विभाग इसी कैंपस में चलता है. इस परिसर में भी रोज सैकड़ों लोगों का आना-जाना लगा रहता है. शाम छह बजे से इस पूरे कैंपस में अंधेरा छा जाता है. ऑफिस में केवल बल्व लगा हुआ है, जबकि ट्रेजरी में नगद राशि जमा होती है. वहां अंधेरे में बैठे होम गार्ड के चार जवानों ने बताया कि वे पिछले सालभर से अंधेरे में ही ड्यूटी पर तैनात हैं. लाइट खराब है, बिजली विभाग को सूचना भी दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर अंधेरे में कभी कोई बड़ी वारदात हो जाए, तो कौन जवाबदेही लेगा.
जीटी रोड के किनारे 40 पोल, किसी पर नहीं जलता बल्व
दम तोड़ चुके हैं खंभे, नदारद है स्ट्रीट लाइट, सोलर से भी उजाले की उम्मीद नहीं
(Jaydeep Kumar) देश के मानचित्र पर बरही चौक का एक विशेष स्थान है. यहां देश के तीन राष्ट्रीय उच्चपथ एनएच-2(जीटी रोड), एनएच-31 और एनएच-33 का संगम है. यह बरही पूर्वी, पश्चिमी व बेन्दगी पंचायत की संगम स्थली है. यहां से न केवल स्थानीय नेता या पदाधिकारी, बल्कि देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका से जुड़े गणमान्य गुजरते हैं. फिर भी इस राह में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. सड़कों के किनारे लगे बिजली के खंभों से बल्व गायब हैं. कहीं पोल ही ध्वस्त हैं. हजारीबाग रोड को छोड़ कर एनटीपीसी के सहयोग से गया-धनबाद पथ पर लगाई गई स्ट्रीट लाइट भी आधे से अधिक खराब अथवा टूटे खंभे हैं. इनमें से बरही चौक की 200 मीटर की परिधि में धनबाद रोड में दो हैलोजन वाले कुल चार पोल लगाए गए थे, जिनमें सभी टूट चुके हैं. लगभग यही स्थिति गया रोड में लगाई गई स्ट्रीट लाइट की है. इनमें चार में से तीन पोल की लाइट खराब हो चुकी है. पटना रोड निर्माणाधीन होने के कारण कोई स्ट्रीट लाइट ही नहीं लगी है. तत्कालीन विदेश सह वित्त मंत्री व स्थानीय सांसद यशवंत सिन्हा की ओर से बरही चौक पर लगवायी गई हाई मास्ट लाइट भी खत्म है.
चारों प्रमुख मार्गों में 50 फीट की दूरी पर बिजली विभाग के 40 खंभे हैं. इनमें गया रोड में 10, हजारीबाग रोड में 10, धनबाद रोड में 10 तथा पटना रोड में 10 कुल मिलाकर 40 खंभे हैं. परंतु एक भी खंभे पर लाइट की व्यवस्था नहीं है. अगर निजी दुकानों या भवनों पर जलने वाले बल्व बुझा दिए जाएं, तो बरही पूरी तरह अंधेरे में डूब जाएगा. एनटीपीसी के सौजन्य से हजारीबाग रोड में बरही नदी तक कुल 58 जोड़ी सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई है. वहीं धनबाद और गया रोड में लगाई गई स्ट्रीट लाइट में करीब 80% खराब हो चुके हैं. गया रोड में कुल 15 जोड़ी स्ट्रीट लाइट में से मात्र पांच लाइट ही जलती है. दो खंभे टूटे हैं, दो में सिर्फ एक एक लाइट जलती है. धनबाद रोड में कुल 18 खंभों में मात्र 10 ही बचे हैं, जिनमें मात्र पांच खंभों के बल्व जल रहे हैं. सबसे बदतर स्थिति पटना रूट की है, जहां लाइट की कोई व्यवस्था ही नहीं है.
चक्रधरपुर : मुख्य चौक-चौराहों व गली-मोहल्ले की अधिकांश स्ट्रीट लाइट बंद
(Shambhu Kumar) चक्रधरपुर शहर के मुख्य चौक-चौराहों व गली-मोहल्ले की अधिकांश स्ट्रीट लाइट बंद हो चुकी हैं. इनकी देखरेख की जिम्मेवारी चक्रधरपुर के नगर परिषद् की है, पर उसे कोई फिक्र नहीं है. शुभम संदेश संवाददाता ने मुख्य चौक-चौराहों समेत गली-मोहल्ले में लगभग आठ किमी का दूरी तय कर स्थिति देखा. इसमें पाया गया कि चौक-चौराहों में लगी स्ट्रीट लाइटों में कुछ जलते हैं, जबकि कई खराब पड़े हुए हैं. इन आठ किलोमीटर के जायजे में लगभग 70-80 खंभों में 50 प्रतिशत खंभों पर लगी स्ट्रीट लाईट बंद मिलीं. वहीं गली-मोहल्लों में लगी स्ट्रीट लाईटों की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है. चक्रधरपुर के पुरानी रांची रोड, शीतला मंदिर रोड, टोकलो रोड, कपड़ा पट्टी रोड, झुमका मोहल्ला, थाना रोड, तम्बाकू पट्टी रोड, सरफराज क्वार्टर रोड, पुरानी बस्ती रोड इत्यादि जगहों पर लगाए गए पोल में अधिकांश स्ट्रीट लाईट नहीं जलती हैं. स्थानीय लोगों ने पूछे जाने पर बताया कि कई महीनों से स्ट्रीट लाईट खराब है, लेकिन इसे बनाने के लिये कोई नहीं आता. स्ट्रीट लाईट खंभों में लगाकर छोड़ दिया गया है. इसकी देखरेख नहीं की जा रही है. इसके कारण स्ट्रीट लाईट खराब पड़ी हुई हैं.
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के लोग अंधेरे में सफर करने को मजबूर, खराब पड़ी हैं स्ट्रीट लाइटें
सड़क की लंबाई : लगभग आठ किलोमीटर
सड़क का नाम : पुरानी रांची रोड, शीतला मंदिर रोड, टोकलो रोड, कपड़ा पट्टी रोड, झुमका मोहल्ला, थाना रोड, तम्बाकू पट्टी रोड, सरफराज क्वार्टर रोड, पुरानी बस्ती रोड
स्ट्रीट लाइट पोल की संख्या : 70-80
जलने वाली स्ट्रीट लाइट की संख्या : 35-40
बंद स्ट्रीट लाइट की संख्या: 35-40
स्ट्रीट लाइट की रखरखाव की जिम्मेवारी: चक्रधरपुर नगर परिषद
(Dharmendra Kumar) जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय के ही विधानसभा क्षेत्र में लोग अंधेरे में जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. टिनप्लेट चौक से केबल कंपनी गेट को जोड़ने वाली एक मात्र मुख्य सड़क पर स्ट्रीट लाइट का ढांचा तो है, लेकिन रोशनी गायब है. स्थिति यह है की रात के अंधेरे में विपरीत दिशा से यदि कोई चार पहिया वाहन आ जाए, तो उसकी हेडलाइट की रोशनी की चकाचौंध में सामने वाले को कुछ भी नजर नहीं आता है. सड़क के गड्ढे अंधेरे में अक्सर दुर्घटना का कारण बनते रहते हैं. यह सड़क बारीडीह, टिनप्लेट और आसपास की बस्तियों में रहने वालों के लिए टाटानगर रेलवे स्टेशन जाने की मुख्य सड़क है. ट्यूब कंपनी, टाटा स्टील के कर्मचारी भी इस सड़क का ही उपयोग करते हैं. 500 मीटर लंबी सड़क पर 8 पोल पर लगी लाइट में से सिर्फ दो ही जलती है.
मानगो नगर निगम क्षेत्र में कहीं चकाचक तो कहीं बिल्कुल अंधेरा
सड़क की लंबाई : लगभग 500 मीटर
बंद स्ट्रीट लाइट की संख्या : 6
सड़क का नाम: केबल कंपनी गेट से टिनप्लेट चौक सड़क
स्ट्रीट लाइट पोल की संख्या : 8
जलने वाली स्ट्रीट लाइट की संख्या : 2
स्ट्रीट लाइट रखरखाव की जिम्मेवारी : जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति और जुस्को
(Sunil Pandey) जमशेदपुर की सड़कों व गलियों को रोशन करने के लिए लगाई गई स्ट्रीट लाईट अधिकतर जगहों पर बेकार हो चुकी हैं. शुभम संदेश व लगातार.इन के संवाददाता ने 17 अगस्त की रात साढ़े सात बजे से आठ बजे तक मानगो नगर निगम क्षेत्र की कई मुख्य सड़कों का जायजा लिया. मानगो चौक से निगम कार्यालय (आधा किलोमीटर) तक डिवाइडर पर 15 पोल पर 30 स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं. जिनमें अधिकांश बुझी हुईं तथा खराब मिली. जिस संस्था (एमएमसी) को स्ट्रीट लाईट लगाने, रखरखाव एवं मरम्मत की जिम्मेवारी मिली है, उसी संस्था के कार्यालय जाने वाली रोड की अधिकांश स्ट्रीट लाइटें खराब अथवा बंद है. उक्त रोड की 24 स्ट्रीट लाईट पूरी तरह बंद मिली. जबकि तीन में एक ओर की जलती हुई तथा दूसरी ओर की बुझी हुई मिली.
मानगो चौक व ओल्ड पुरूलिया रोड की हाईमास्ट लाईट है बंद
भ्रमण के दौरान मानगो खुदीराम बोस चौक व ओल्ड पुरूलिया रोड में कुंअर बस्ती पुलिया के पास लगी हाई मास्ट लाईट पूरी तरह बंद मिली. ओल्ड पुरुलिया रोड में सीमेंट एवं लोहे के बिजली के पोल गाड़े गए हैं. लोहे के पोल में 11 हजार केवी का लाईन गुजरा है. जबकि सीमेंट के पोल में 440 एवं 220 वोल्ट के बिजली के तार दौड़ रहे हैं. सीमेंट के पोल में एक-आध में स्ट्रीट लाईट लगी है. जबकि कई पोलों में तार का मकड़जाल दिखा. ओल्ड पुरुलिया रोड में मानगो चौक से कुंअर बस्ती मुंडा कालोनी तक (1.5 किलो मीटर) सीमेंट एवं लोहे के लगभग 25 पोल होंगे. जिसमें अधिकांश में लगी स्ट्रीट लाईट बंद पाई गई.
डिमना रोड में एक-आध को छोड़ अधिकतर जलती हुईं मिलीं
मानगो नगर निगम क्षेत्र में खुदीराम बोस चौक से डिमना चौक लगभग ढाई किलोमीटर है. सड़क के दोनों ओर स्ट्रीट लाईट लगी है. सर्वेक्षण में उक्त रोड की एक-दो स्ट्रीट लाईट को छोड़कर अधिकांश जलती हुई मिलीं. उक्त रोड की मरम्मत एवं रखरखाव निकाय एवं जुस्को दोनों मिलकर करते हैं. हाल ही में जुस्को द्वारा उक्त रोड में उलीडीह टीओपी से डिमना चौक की ओर जाने वाले रास्ते में चौड़े डिवाइडर को वाकिंग ट्रैक व पार्क का रूप दिया गया है.
– कितने किलोमीटर का आपने निरीक्षण किया- 4.5 किलोमीटर
– कितनी स्ट्रीट लाईट बंद मिलीं-52
– किस किस रोड और इलाके का निरीक्षण किया- मानगो चौक से निगम कार्यालय, खुदीराम बोस चौक से डिमना चौक, मानगो चौक से कुंअर बस्ती मुंडा कालोनी
– इतनी दूरी में कितने बिजली के पोल और स्ट्रीट लाइट लगी हैं- 155 (लगभग)
– यह स्ट्रीट लाइट किसकी जिम्मेदारी है – मानगो चौक से निगम कार्यालय व मानगो चौक से कुंअर बस्ती मुंडा कालोनी
(स्थानीय निकाय), खुदीराम बोस चौक से डिमना चौक (जुस्को व स्थानीय निकाय)