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सैम पित्रोदा ने कहा, हर कोई राम, हनुमान, मंदिर की बात करता है, ये रोजगार नहीं दे सकते

Washington/New Delhi : राहुल गांधी के मेंटर माने जानेवाले सैम पित्रोदा द्वारा हिंदू देवी-देवताओं पर दिया गया एक बयान विवाद का विषय बन बन गया है. firstpost के अनुसार सैम पित्रोदा ने अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम में भगवान राम, अयोध्या में बन रहे राम मंदिर सहित अन्य हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर दी. नेशनल">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">नेशनल

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हम बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे हैं

सैम पित्रोदा ने कहा कि हम बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन इन मुद्दों पर कोई बात नहीं करना चाहता. हर कोई राम, हनुमान, मंदिर की बात करता नजर आता है. सैम पित्रोदा के अनुसार उन्होंने कई बार कहा कि मंदिर लोगों को रोजगार नहीं दे सकते हैं. जान लें कि सैम पित्रोदा का विवाद पैदा करनेवाला बयान राहुल गांधी द्वारा अमेरिका दौरे में की गयी टिप्पणियों के बाद सामने आया है.

सैम पित्रोदा के बयान के बाद भाजपा उस पर हमलावर हो गयी है

सैम पित्रोदा के बयान के बाद भाजपा उस पर हमलावर हो गयी है. भाजपा नेताअमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर सैम पित्रोदा पर तंज कसा है. ट्वीट के माध्यम से अमित मालवीय ने दावा किया कि दुनिया भर की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था कहीं बेहतर है.

भारत को नसीहत देने की जरूरत नहीं है

अमित मालवीय ने लिखा कि राजीव गांधी के सहयोगी सैम पित्रोदा जितने शातिर हैं उतने ही अनजान भी हैं. लिखा कि भारत को नसीहत देने की जरूरत नहीं है. अप्रैल 2023 में भारत में खुदरा मुद्रास्फीति 4.7% पर आ गयी है, जो 18 महीनों में सबसे कम है. थोक मुद्रास्फीति भी बेहतर है. भाजपा नेता ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत की मुद्रास्फीति अमेरिका की तुलना में बहुत कम है. पित्रोदा जिस देश(अमेरिका) में रहते हैं वहां की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की व्यवस्था उन्हें देखनी चाहिए. भारत उससे बेहतर स्थिति में है.

सैम पित्रोदा हिंदू धर्म का अपमान करते रहे हैं

अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि सैम पित्रोदा हिंदू धर्म का अपमान करने और भारत विरोधी एजेंडे वाले कट्टरपंथी संगठनों के साथ संबंध बनाने में आगे रहते हैं. सैम हिंदुओं पर जहर उगलने का काम कर रहे हैं. वे मंदिरों को बदनाम करते नजर आये हैं. लिखा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि एनवाई कार्यक्रम से जुड़े कुछ समन्वयक जमात-ए-इस्लामी और मुस्लिम ब्रदरहुड के लिए काम करने वाले संगठनों के काफी करीब है. [wpse_comments_template]