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एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉन्ड का पूरा ब्यौरा उपलब्ध करा दिया

New Delhi : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आज गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने चुनावी बॉन्ड के संबंध में अपने पास मौजूद सारी जानकारी निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में एसबीआई के अध्यक्ष ने कहा कि साइबर सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दलों के बैंक खाते की पूरी संख्या और केवाईसी के विवरण सार्वजनिक नहीं किये गये. ">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">

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सुरक्षा कारणों से  दानदाताओं के केवाईसी विवरण  सार्वजनिक नहीं किये गये

बैंक के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया, इसी तरह, सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए दानदाताओं के केवाईसी विवरण भी सार्वजनिक नहीं किये गये. हालांकि, तथ्य यह भी है कि ऐसी जानकारी प्रणाली में दर्ज/संकलित नहीं की जाती है. राजनीतिक दलों की पहचान के लिए ये आवश्यक भी नहीं हैं. हलफनामे में कहा गया है कि एसबीआई ने जानकारी का खुलासा किया है, जिसमें बॉन्ड के खरीदार का नाम, उसका मूल्य और विशिष्ट संख्या, इसे भुनाने वाली पार्टी का नाम और बैंक खाता संख्या के अंतिम चार अंक दर्शाये गये हैं. इसमें कहा गया, एसबीआई ने 21 मार्च को निर्वाचन आयोग को अपने पास मौजूद चुनावी बॉन्ड के सभी विवरण प्रदान किये हैं. हलफनामे में कहा गया, एसबीआई ने 15 फरवरी, 2024 और 18 मार्च 2024 को इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशानुसार अब सभी विवरणों (पूर्ण खाता संख्या और केवाईसी ब्यौरा के अलावा) का खुलासा कर दिया है. उच्चतम न्यायालय ने 18 मार्च को एसबीआई को फटकार लगाते हुए उसे मनमाना रवैया न अपनाने और 21 मार्च तक चुनावी बॉन्ड योजना से संबंधित सभी जानकारियों का पूरी तरह खुलासा करने को कहा था.

कोर्ट  ने चुनावी बॉन्ड से संबंधित  जानकारियों का खुलासा करने का निर्देश दिया था

उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारियों का खुलासा करने का निर्देश दिया था जिसमें विशिष्ट बॉन्ड संख्याएं भी शामिल हैं. इससे पहले, 15 फरवरी को दिये गये एक ऐतिहासिक फैसले में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र की विवादास्पद चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था. साथ ही एसबीआई को 13 मार्च तक निर्वाचन आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गयी राशि और प्राप्तकताओं के बारे में खुलासा करने का आदेश दिया था. [wpse_comments_template]
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