: विकास कार्यों की राशि खर्च नहीं करने वाले मुखिया को देना होगा स्पष्टीकरण, डीसी ने दिये निर्देश)
Supreme Court holds Rashtriya Janata Dal (RJD) leader and former MP Prabhunath Singh guilty in 1995 double murder case, overturns Patna HC order acquitting him pic.twitter.com/vwBP0RduI8
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— ANI (@ANI) August">https://twitter.com/ANI/status/1692449087248019721?ref_src=twsrc%5Etfw">August
18, 2023
डबल मर्डर केस में बाकी आरोपियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया
बता दें कि 28 साल पुराने डबल मर्डर केस में में निचली अदालत ने प्रभुनाथ सिंह को रिहा कर दिया था. इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने भी रिहाई को सही ठहराया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दोनों अदालतों के फैसले को पलट दिया और प्रभुनाथ को दोषी करार दिया. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. वहीं केस के बाकी आरोपियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया. इसे भी पढ़ें : बेरमो">https://lagatar.in/bermo-one-principal-one-grocer-the-name-is-degree-college-gomia/">बेरमो: एक प्राचार्या, एक किरानी – नाम है डिग्री कॉलेज गोमिया
वोट नहीं देने पर कर दी गयी थी हत्या
दरअसल डबल मर्डर केस का मामला 28 साल पहले साल 1995 का है. छपरा के मसरख में चुनाव के दौरान प्रभुनाथ सिंह के समर्थित प्रत्याशी को वोट नहीं देने पर राजेंद्र राय (47 साल) और दारोगा राय (18 साल) की हत्या कर दी गयी थी. इसके बाद मृतक के भाई ने गवाहों को धमकाने की शिकायत की. तो केस को छपरा से पटना ट्रांसफर कर दिया गया. जहां इसका ट्रायल हुआ. कोर्ट ने सबूतों के आभाव में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था. निचली अदालत के फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी.इसके बाद हाईकोर्ट ने 2012 में निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया. फिर मृतक राजेंद्र राय के भाई हरेंद्र ने दोनों कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने पर कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया.दूसरे मर्डर केस में हजारीबाग जेल में सजा काट रहे हैं प्रभुनाथ सिंह
बताते चलें कि प्रभुनाथ सिंह 1995 के ही एक मर्डर केस में हजारीबाग जेल में सजा काट रहे हैं. दरअसल मसरख के विधायक अशोक सिंह की 1995 में हत्या हो गयी थी. अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को चुनाव में हराया था. चुनाव हार जाने के बाद प्रभुनाथ सिंह ने धमकी दी थी कि वो तीन महीने के अंदर अशोक सिंह को मार देंगे. इसके बाद अशोक सिंह की हत्या कर दी गयी थी. इस केस में 2017 में प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराया गया था. इसी केस में वो अभी भी जेल में सजा काट रहे हैं. इसे भी पढ़ें : गढ़वा">https://lagatar.in/garhwa-on-the-instructions-of-the-dc-the-director-listened-to-the-complaints-of-the-common-people-in-the-janata-darbar-3/">गढ़वा: डीसी के निर्देश पर जनता दरबार में निदेशक ने सुनी आमलोगों की फरियाद [wpse_comments_template]