New Delhi : सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर 7 मई को सुनवाई करेगा. जान लें कि दिल्ली शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज शुक्रवार यानी तीन मई को बहस हुई. दो घंटे तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गयी. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
Delhi Excise Policy case: SC says it may hear arguments on interim bail to Kejriwal on May 7
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— ANI Digital (@ani_digital) May 3, 2024
चुनाव को ध्यान में रखते हुए याचिका पर सुनवाई पर विचार कर सकते हैं
सुनवाई के क्रम में जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि मुख्य केस जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है, इसमें समय लग सकता है. लेकिन लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए हम उनकी(केजरीवाल) अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई पर विचार कर सकते हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने 7 मई को सुनवाई की तिथि तय कर दी.
16 मार्च तक दिल्ली के सीएम आरोपी नहीं थे
इससे पूर्व केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट से कहा, 16 मार्च तक दिल्ली के सीएम आरोपी नहीं थे, अचानक इसमें क्या बदलाव हुआ? इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, जब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वह आरोपी नहीं हैं. पहले केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखी. इसके बाद ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जांच ऐजेंसी का पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा.
एसवी राजू ने कहा, केजरीवाल को गिरफ्तार करने का निर्णय सिर्फ जांच अधिकारी नहीं, बल्कि एक स्पेशल जज द्वारा भी लिया गया था. दिल्ली के सीएम गिरफ्तार नहीं किये जाने को लेकर हाईकोर्ट भी गये थे. लेकिन कोर्ट ने दस्तावेजों को देखने के बाद गिरफ्तारी से रोक पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था.
कंपनी यदि अपराध करती है तो उसका प्रभारी भी जिम्मेदार होगा.
अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि जिन सभी सबूतों के आधार पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है, वह 2023 से पहले के हैं.कहा कि हर सामग्री जुलाई, 2023 जैसी ही है. मनीष सिसोदिया के मामले में भी यही सबूत आधार बनाये गये थे. मनी ट्रेल चार्ट भी वही था. सिंघवी ने यह भी कहा कि किसी राजनीतिक दल द्वारा किये गये किसी भी काम या हर चीज के लिए उसके संयोजक या अध्यक्ष को जिम्मेदार करार नहीं दिया जा सकता. लेकिन कोर्ट ने कहा कि कोई कंपनी यदि अपराध करती है तो उसका प्रभारी भी उसका जिम्मेदार होगा.
कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर पूछा
इससे पहले 30 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर पूछा था कि चुनाव से ठीक पहले ही गिरफ्तार क्यों किया गया. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से 4 और सवालों के जवाब मांगे थे. कोर्ट ने केजरीवाल से भी पूछा कि आपने ईडी द्वारा भेजे गये नोटिसों को नजरअंदाज क्यों किया. आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आये है.पूछा कि आप जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गये.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 23 अप्रैल को न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी थी
मामले की तह में जायें तो शराब नीति घोटाला केस में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. एक अप्रैल को केजरीवाल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया. दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 23 अप्रैल को उनकी न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी थी. यानी केजरीवाल तीसरे (7 मई) फेज की वोटिंग के दौरान भी जेल में रहेंगे. जान लें कि केजरीवाल के अलावा बीआरएस नेता के. कविता, एक अन्य आरोपी चरनप्रीत की कस्टडी भी 7 मई तक बढ़ाई गयी है.
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