Ranchi : राज्य सरकार द्वारा घोषित 20320.29 करोड़ रुपये की विकास योजनाएं पिछले 10-12 वर्षों से अधूरी पड़ी हुई है. हालांकि वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में संबंधित विभागों ने अपने अपने विभाग से जुड़े कॉरपोरेशन या सोसाइटी के पीएल खाते (public ledger account) में रख दिया गया. पीएल खाते में पैसा रखने के बाद बजट के हिसाब किताब में इसे खर्च दिखाया जाता है. लेकिन वास्तव में यह राशि उस वक्त खर्च नहीं होती है. बाद के वित्तीय वर्षो में इसे उन योजनाओं पर खर्च किया जाता है, जिन योजनाओं के लिए बजट में इसका प्रावधान किया गया था. राज्य सरकार हर वित्तीय वर्ष के दौरान अर्ध सरकारी संस्थाओं जैसे सरकार द्वारा बनाये गये कॉरपोरेशन, सोसाइटी आदि को खर्च करने के लिए पैसा देती है. यह पैसा संबंधित कॉरपोरेशन के पीएल अकाउंट में रहता है. संबंधित कॉरपोरेशन या सोसाइटी इस पैसे को बाद के वर्षों में खर्च करता है. इस पैसे को बाद के वित्तीय वर्षो में उसी योजना पर खर्च किया जाता है, जिस योजना के लिए बजट में इसका प्रावधान किया गया था. पहले पीएल अकाउंट में रखे पैसे को खर्च करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी. इससे पैदा होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने पीएल खाते में रखे गये पैसे को खर्च करने के लिए दो वित्तीय वर्ष का समय निर्धारित कर दिया. यानी अगर कोई पैसा किसी कॉरपोरेशन के पीएल अकाउंट में वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिया गया हो तो इसे 2025-26 से लेकर 2026-27 तक ही खर्च किया जा सकता है. अगर 2026-27 तक संबंधित कॉरपोरेशन ने यह पैसा खर्च नहीं किया तो उसके बाद इस पैसे को खर्च करने के लिए बजटीय प्रावधान करना होगा. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 तक सरकार के 26 विभागों के अधीन बने कॉरपोरेशन या सोसाइटी के पीएल अकाउंट में कुल 41538.92 करोड़ था. इसमें से मार्च 2025 तक 21218.61 करोड़ रुपये खर्च किये गये. इस तरह मार्च 2025 तक राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधीन बने कॉरपोरेशन या सोसाइटी के पीएल अकाउंट में 20320.29 करोड़ बच गया. विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस राशि को अब संबंधित कॉरपोरेशन या सोसाइटी खर्च नहीं कर सकते हैं. यानी वर्षों पहले घोषित 20320.29 करोड़ रुपये की योजनाएं अब तक अधूरी पड़ी हुई है. इन योजनाओं को पूरा करने के उद्देश्य से पीएल अकाउंट में शेष इस राशि को बजट में प्रावधान करने के बाद ही खर्च किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार, वित्त विभाग इस राशि को बजटीय प्रावधान कर खर्च करने की योजना बना रही है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा पीएल आकाउंट नगर विकास विभाग के अधीन चलने वाले कॉरपोरेशन है. क्योंकि निगर निगम, नगर निकाय, जुडको सहित अन्य इकाइयां नगर विकास विभाग द्वारा ही बनायी गयी है. सबसे ज्यादा पैसा ऊर्जा विभाग के अधीन चलने वाले कॉरपोरेशन में पड़ा है. ऊर्जा विभाग के अधीन बने कॉरपोरेशन में 3641.02 करोड़ रुपये पड़ा. इस मामले में दूसरा नंबर पर उच्च शिक्षा (3552.42 करोड़) और तीसरा नंबर पर नगर विकास (2858.62 करोड़) के अधीन बनी संस्थाओं का है.
- कुल कॉरपोरेशन, सोसाइटी आदि के नाम पर 194 पीएल खाता है. - इसमें 31 मार्च 2025 तक 41538.92 करोड़ रुपये जमा किये गये थे. - इसी अवधि में 21218.61 करोड़ रुपये खर्च किये गये. इस तरह 31 मार्च 2025 तक पीएल खाते में बची राशि 20320.29 करोड़ रुपये है. जानें क्या है पीएल अकाउंट
राज्य सरकार हर वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में विकास योजनाओं के लिए किये गये बजटीय प्रावधान में से अधिक खर्च दिखाने के लिए दो तरीका अपनाती है. इसमें एक तरीके योजना के नाम पर अग्रिम निकासी कर उसे बैंक खाते में रखना है. दूसरा तरीका संबंधित विभाग अपने अधीन बने कॉरपोरेशन या सोसाइटी को कुछ योजनाओं का पैसा उसके पीएल अकाउंट मे जमा करती है. पीएल अकाउंट किसी विभाग का नहीं हो सकता है. पीएल अकाउंट कॉरपोरेशन और सोसाइटी आदि का ही होता है. किसी विभाग द्वारा किसी कॉरपोरेशन के पीएल अकाउंट में पैसा जमा करने का अर्थ यह होता है कि संबंधित कॉरपोरेशन या सोसाइटी इस पैसे को बाद के वित्तीय वर्षों में खर्च कर सकता है. बाद के वित्तीय वर्षों में इसे खर्च करने के लिए बजट में प्रावधान करने की जरूरत नहीं होती है. वास्तव में पीएल अकाउंट किसी कॉरपोरेशन को दिया गया एक अधिकार है, जिससे वह समेकित निधि (consolidated fund) में से उतने पैसों को बाद के वित्तीय वर्ष में खर्च कर सकता है.
विभिन्न विभाग से अर्ध सरकारी संस्थाओं के पीएम खाते में पड़ी रकम का ब्योरा
विभाग से जुडी संस्था | जमा | खर्च | शेष |
ऊर्जा | 13894.16 | 10253.14 | 3641.02 |
उच्च शिक्षा | 6601.35 | 3048.86 | 3552.45 |
नगर विकास | 4039.66 | 1181.04 | 2858.62 |
कृषि सहकारिता | 3352.06 | 1266.29 | 2085.78 |
भवन निर्माण | 2527.70 | 1132.60 | 1395.10 |
कैबिनेट निर्वाचन | 24.76 | 7.56 | 17.21 |
खाद्य आपूर्ति | 5.87 | 3.61 | 2.26 |
वन पर्यावरण | 26.48 | 6.27 | 20.21 |
स्वास्थ्य, चिकित्सा | 2767.63 | 1738.40 | 1029.23 |
गृह,कारा,आपदा | 1061.58 | 318.25 | 743.33 |
उद्योग विभाग | 484.79 | 312.37 | 172.43 |
सूचना प्रावैधिकी | 373.90 | 208.67 | 165.23 |
खान भूतत्व | 11.93 | 7.67 | 4.26 |
पंचायती राज | 444.37 | 126.41 | 317.99 |
योजना विकास | 29.22 | 6.13 | 23.09 |
पथ निर्माण | 2235.21 | 372.24 | 1862.96 |
ग्रामीण विकास | 606.01 | 248.46 | 447.53 |
कल्याण | 1978.00 | 559.58 | 1418.40 |
पर्यटन | 508.15 | 169.26 | 338.90 |
जल संसाधन | 5.56 | 1.13 | 4.43 |
समाज कल्याण | 98.77 | 96.55 | 2.23 |