Ranchi : जर्मन कॉरपोरेशन, वेट हंगर हाइप, फिआ, प्रदान और झारखंड सीएसओ फोरम द्वारा गुरुवार को सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में झारखंड में जल संकट से उबरने की दिशा में सहयोगात्मक प्रयास पर विचार किया गया. इस कार्यक्रम में राज्यभर के एनजीओ के प्रतिनिधियों ने अपनी बातों को रखा. वहीं जनप्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे. झारखंड में हो रहे जल संकट और वाटर लेवल नीचे जाने को लेकर चिंता जताई गई. कहा गया कि झारखंड में स्वर्ण रेखा, दामोदर, बराकर, शंख और कोयल जैसी कई बड़ी नदियां हैं, जिनका विकास नहीं होने के कारण तथा भूजल का अव्यवस्थित उपयोग से तालाब सूख रहे हैं. जंगलों के विशाल क्षेत्र को कोयला, लोहा आदि के खनन के लिए उपयोग किया जा रहा है. इसके परिणाम स्वरूप स्वर्णरेखा और दामोदर नदियों की नदी घाटी अत्यधिक प्रदूषित हो गई हैं. झारखंड के ग्रामीण और शहरी इलाकों में झील लगातार सूख रही हैं.
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