Saraikela: को-ऑपरेटिव बैंक की सरायकेला शाखा से 38 करोड़ रुपये घोटाला मामले में कोर्ट ने दो लोगों को सजा सुनाई है. सरायकेला की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंजू कुमारी की अदालत ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुनील कुमार सतपति और मनसा राम महतो को भादवि की धारा 409 के तहत आरोपियों को मामले में दोषी पाते हुए 5 साल सश्रम कारावास एवं 10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है.
इसमें अर्थदंड का भुगतान नहीं किये जाने की स्थिति में 6 महीने अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा आरोपियों को भुगतनी होगी. इसके अलावा भादवि की धारा 471 में दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए दो वर्ष सश्रम कारावास की सजा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत द्वारा सुनाई गई है. गौरतलब है कि सीआईडी की ओर से लगाये गए पहले आरोप में ही दोनों आरोपियों को सजा सुनाई गई.
साल 2019 में हुई थी प्राथमिकी दर्ज
22 अगस्त 2019 को सरायकेला थाने में 38 करोड़ रुपये घोटाले की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के अनुसार बैंक से कुल 38 करोड़ रुपये लोन दिये गए थे. इसमें लोन कारोबारी संजय कुमार डालमिया द्वारा लिया गया था. अन्य 4 करोड का लोन अन्य लोगों ने लिया था. लोन लेने वालों ने बैंक को पैसा नहीं लौटाया. इसके बाद पूरे मामले की जांच हुई.
जांच के बाद सरायकेला के शाखा प्रबंधक सुनील कुमार सतपति, सहायक मदन लाल प्रजापति, तत्कालीन मैनेजर वीरेंद्र कुमार, क्षेत्रीय कार्यालय चाईबासा में पदस्थापित एजीएम, तत्कालीन लेखाकार शंकर बंदोपाध्याय, चाईबासा क्षेत्रीय कार्यालय के तत्कालीन एमडी मनोजनाथ शाहदेव, तत्कालीन एजीएम मुख्यालय संदीप सेन, सीईओ बृजेश्वर नाथ और संजय कुमार डालमिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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