Ranchi : सरला बिरला विश्वविद्यालय रांची में सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का विधिवत शुरुआत हुई. इसका आयोजन आईईटीई रांची एवं झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी रांची के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. सबसे पहले ऑनलाइन माध्यम से मां सरस्वती की वंदना हुई.
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रदीप कुमार मिश्रा ने शिक्षक प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में शिक्षको को अत्याधुनिक ज्ञान एवं तकनीकी से सुसज्जित रहने की आवश्यकता है. शिक्षकों के द्वारा ही अच्छे नागरिक एवं राष्ट्र का पुनर्निर्माण किया जा सकता है. उन्होंने शिक्षकों को तकनीकी के साथ-साथ मूल्यआधारित शिक्षा की ओर बढ़ने की अपील की. शिक्षक का कार्य रोजगार नहीं अपितु यह राष्ट्र सेवा है.
विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिये
विशिष्ट अतिथि के रूप में आईईटीई रांची के निदेशक प्रो डॉ के के ठाकुर ने सरला बिरला विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया के अंदर चलने वाले इंफॉर्मेशन को नॉलेज में चेंज की कला शिक्षकों के पास होती है. शिक्षक सदैव प्राचीन ज्ञान एवं नवीन ज्ञान का समन्वय करता है जिससे वैश्विक आवश्यकता के अनुकूल ज्ञानयुक्त योग्य नागरिक का निर्माण हो सके. कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रो डॉ विजय कुमार सिंह ने सप्ताह भर चलने वाले फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की व्याख्या करते हुए एक सफल शिक्षक के सभी आवश्यक गुणों की व्याख्या की. उन्होंने कहा कि एक शिक्षक के अंदर प्रलय और विनाश दोनों प्रकार की परिस्थितियों को उत्पन्न करने की क्षमता होती है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ गोपाल पाठक ने की.
अलग-अलग दिन अलग व्याख्यान होंगे
7 दिन तक चलने वाले इसे कार्यक्रम में 15 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर एसपी सिंह का व्याख्यान होगा. 16 अप्रैल को आई आई आई टी रांची के निदेशक प्रो डॉक्टर विष्णु प्रिये का व्याख्यान होगा. 17 अप्रैल को बी आई टी सिंदरी के निदेशक प्रो डॉक्टर डी के सिंह तथा 19 अप्रैल को जर्मनी के प्रोफ़ेसर तारकेश् डोरा पी के व्याख्यान होंगे. 20 अप्रैल को विधिवत समापन सत्र आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम का संचालन डॉ पूजा मिश्रा ने किया.