- लातेहार शहर से हेरहंज तक 28.7 किमी लंबी सड़क चौड़ीकरण की योजना 10 वर्ष से पारित है
- खबर प्रकाशित होने के बाद कर्मी नापी करने पहुंचे
- पिछले कैबिनेट में पुनरीक्षित प्राक्कलन पेश हुआ था
- कई स्थानीय लोगों ने नापी कार्य का किया विरोध
Ashish Tagore
Latehar : एनएच-75 से जुबली चौक में प्रवेश करते ही सड़क काफी संकीर्ण हो जाती है. यहां सड़क की चौड़ाई कहीं-कहीं सात फीट से भी कम है. ऐसे में यहां वाहनों के आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अक्सर जाम की स्थिति रहती है. बता दें कि इस सड़क चौड़ीकरण के लिए महामहिम राज्यपाल ने अधिसूचना संख्या 30 /2013 के तहत गजट नोटिफिकेशन जारी किया था. नोटिफिकेशन के बाद सड़क चौड़ीकरण में प्रभावित होने वाले रैयत व मकान मालिकों को नोटिस भी वर्ष 2014 में दे दिया गया था. पथ निर्माण विभाग ने सड़क चौड़ीकरण के लिए भवन निर्माण विभाग को रास्ते से हटाये जाने वाले भवनों का एसेसमेंट करने के लिए राशि भी जमा करा दिया. बावजूद इसके इस सड़क का चौड़ीकरण नहीं किया जा रहा है. इसे लेकर शुभम संदेश ने अपने 25 और 26 अप्रैल के अंक में किस्तवार खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. खबर के बाद भवन निर्माण विभाग सक्रिय हुआ. खबर प्रकाशित होने के बाद भवन निर्माण विभाग के कर्मी जुबली रोड की नापी करने पहुंचे. कनीय अभियंता मनीष पूरन व अमीन जुबली रोड चौड़ीकरण हटाये जाने वाले भवनों का एसेसमेंट (मूल्याकंन) करने पहुंचे थे. लेकिन सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित कई स्थानीय लोगों ने नापी का विरोध शुरू कर दिया. कनीय अभियंता ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की. विरोध के बाद कर्मी बगैर नापी व एसेसमेंट किये ही वहां से निकल गये. उन्होंने इसकी सूचना विभाग के आला अधिकारियों को दी. हालांकि मुहल्लावासियों में कई ऐसे भी लोग थे जो सड़क चौडीकरण के पक्षधर थे. उन्होंने उपायुक्त को एक लिखित आवेदन सौंपकर सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रारंभ कराने का आग्रह किया है, ताकि इस पथ से आवागमन सुगम हो सके.
क्या है मामला
लातेहार शहर से नवादा होते हेरहंज तक जाने वाली कुल 28.7 किलोमीटर लंबी सड़क की चौड़ीकरण की योजना 10 वर्ष पूर्व से पारित है. पिछले आठ वर्षों में इस सड़क की चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण के लिए दो बार प्राक्कलित राशि की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति सरकार द्वारा ली जा चुकी है. पिछले कैबिनेट में पुनः इस सड़क की चौड़ीकरण व मजबूतीकरण मद की लागत बढ़ाने के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन पेश किया गया था. सरकार ने सड़क की महत्ता को देखते हुए दूसरी बार पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति दी और चौड़ीकरण में 79.49 करोड रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की. सड़क चौड़ीकरण के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया लगभग तीन-चार वर्ष पूर्व पूरी हो चुकी है. अखबारों में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है. रैयतों को नोटिस भी दिया जा चुका है. चौड़ीकरण कार्य में कुछ भवनों को हटाने की जरूरत है. उन भवनों की लागत का मूल्याकंन के लिए भवन निर्माण विभाग को शुल्क जमा किया जा चुका है. कई साल बीत जाने के बाद भी विस्थापित होने वाले भवनों का अनुमानित लागत का मूल्यांकन नहीं किया जा सका है. इस कारण चौड़ीकरण का कार्य अधर में लटका है. बता दें कि इस पथ से बालूमाथ व हेरहंज प्रखंड आसानी से पहुंचा जा सकता है. इसी पथ में तुबेद कोलियरी, बनवारी साहू महाविद्यालय, राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान समेत कई नामी गिरामी प्रतिष्ठान आदि हैं.
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