बॉन्ड योजना के 15वें चरण पर मोदी सरकार की मुहर, एक से 10 जनवरी तक खरीदे जा सकेंगे बॉन्ड
तो सियाचिन पर आज पाकिस्तान का कब्जा होता
कर्नल नरेंद्र कुमार 1953 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से कुमाऊं रेजिमेंट में वे शामिल हुए थे. सेना के अफसरों का कहना है कि यदि कर्नल हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल के कमांडेंट के रूप में सियाचिन ग्लेशियर और साल्टोरो रेंज में वह अभियान नहीं चलाते, तो शायद इस वक्त सियाचिन पर पाकिस्तान का कब्जा होता. कर्नल नरेंद्र को देश के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मानों में से एक पद्म श्री के साथ-साथ अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. इसे भी पढ़ें : लाइट">https://lagatar.in/cm-hemant-soren-laid-the-demand-in-the-foundation-stone-program-of-the-light-house-project-the-poor-will-get-7-lakhs-need-to-reduce/14243/">लाइटहाउस प्रोजेक्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन ने रखी मांग, गरीबों को 7 लाख लगेगा, इसे कम करने की जरुरत
पीएम मोदी और सीडीएस रावत ने शोक जताया
कर्नल नरेंद्र ने सबसे ऊंची चोटी में से एक नंदादेवी चोटी पर पर तिरंग फहराया था. उनके निधन पर पीएम मोदी और बिपिन रावत शोक जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, `अपूरणीय क्षति! कर्नल नरेंद्र `बुल` कुमार (सेवानिवृत्त) ने असाधारण साहस और परिश्रम के साथ राष्ट्र की सेवा की. उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना. वहीं सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सालतोरो रेंज और लद्दाख के दूसरे इलाकों पर हमारा वर्चस्व कर्नल नरेंद्र के साहसिक यात्राओं का ही हिस्सा है. उनका नाम हमेशा सेना के समृद्ध इतिहास में याद रखा जायेगा.Our strong posturing on the Saltoro Ridge and in other areas of Ladakh are a part of his adventurous travels. His name will forever remain etched in the rich history of our Army: Chief of Defence Staff General Bipin Rawat https://t.co/8AYToH7Sxm
">https://t.co/8AYToH7Sxm">https://t.co/8AYToH7Sxm
— ANI (@ANI) January">https://twitter.com/ANI/status/1344889443774201856?ref_src=twsrc%5Etfw">January
1, 2021