आदिवासियों का पवित्र स्थल सिरासीता हैः नीरज मुंडा
राष्ट्रीय सरना धर्मगुरू नीरज मुंडा औऱ महासचिव जलेश्वर उरांव ने कहा कि आदिवासियों का पवित्र स्थल सिरासीता है. यहां पर सदियों से पूजा पाठ करते आ रहे हैं. माथा टेकते हैं. अपना आशीष मांगते हैं. यहां पर प्रत्येक साल माघ महीने के बढ़ती चांद को देखकर ही सिरासीता नाले का दर्शन करने पहुंचते हैं. आदिवासियों में बढ़ती चांद शुभ दिन माना जाता है.बढती चांद आदिवासियों का सबसे बड़ा कैलेंडर
आदिवासी परंपरा में शादी, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, पर्व त्योहार, सरहुल, करम पूजा, फगुआ (होली) मनाते हैं. लेकिन इन त्योहार को मनाने से पहले रात को बढ़ती चांद को देखा जाता है. तभी इन शुभ कार्य को करते हैं. आदिवासियों का सभी कर्मकांड प्राकृतिक नियम के अनुसार ही संपन्न होता है. प्रत्येक धार्मिक अनुष्ठान और सामाजिक कार्य, पर्व त्योहार, चांद ही आदिवासी का सबसे बड़ा कैलेंडर है. क्योंकि बढ़ती चांद को देखकर ही आदिवासी समुदाय शुभ कार्य का शुभारंभ करते हैं. धर्मगुरुओं ने कहा कि आगामी जनगणना में सभी आदिवासी सरना धर्म लिखेंगे. अगर सरना कोड नहीं मिला तो अन्य के कॉलम में सरना धर्म लिखना शुरू होगा. सिरासीता नाले आदिवासियों का पवित्र धार्मिक स्थल है. मौके पर उपाध्यक्ष सोमे उरांव, छोटेलाल करमाली, महासचिव जलेश्वर उरांव, सचिव करमा उरांव, कोषाध्यक्ष बिरसा उरांव, संगठन सचिव गैना कच्छप, मीडिया प्रभारी अमित गाड़ी समेत अन्य़ मौजूद थे. इसे भी पढ़ें – फोर्ब्स">https://lagatar.in/india-out-of-forbes-list-of-10-most-powerful-countries-in-the-world-america-number-one/">फोर्ब्सकी दुनिया के 10 सबसे पावरफुल देशों की सूची से भारत बाहर, अमेरिका नंबर वन हर खबर के लिए हमें फॉलो करें Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
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