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मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए DIG के नेतृत्व में SIT गठित

LagatarDesk :    मुर्शिदाबाद हिंसा मामले की जांच करने के लिए मुर्शिदाबाद रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम (SIT) का गठन किया गया है. एसआईटी की टीम को 17 अप्रैल को दोपहर 12 बजे तक रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.
नौ सदस्यीय टीम में ये हैं शामिल  शांतनु चौधरी, पश्चिम बंगाल पुलिस, अपर पुलिस अधीक्षक, आईबी, पश्चिम बंगाल विजय यादव, उप पुलिस अधीक्षक, सीआईएफ, पश्चिम बंगाल कौशिक घोष, उप पुलिस अधीक्षक, सीआईडी, पश्चिम बंगाल असीम मंडल, निरीक्षक, सीआईडी, पश्चिम बंगाल  राजर्षि दत्ता, निरीक्षक, यातायात मुख्यालय, पश्चिम बंगाल  अनुपम चक्रवर्ती, निरीक्षक सीआईडी, पश्चिम बंगाल  तन्मय घोष, इंस्पेक्टर, सीआईडी, पश्चिम बंगाल  तुहिन दास, इंस्पेक्टर, सीआईडी, पश्चिम बंगाल  सुदीप्त डे, आईसी, साइबर, सुंदरबन पीडी
बता दें कि पिछले हफ्ते मुर्शिदाबाद जिले में नये वक्फ कानून के विरोध में हुई हिंसा में कम से कम तीन लोगों की जान चली गयी है. https://twitter.com/ANI/status/1912596450116268221

बता दें कि पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन थम नहीं रहे हैं. मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद सहित चार जिलों में 11 अप्रैल को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गयी थी. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी थी. इनमें पुलिस के वाहन सहित बसें भी शामिल थी. उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गये. सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग में पुलिस पर क्रूड बम भी फेंके गये थे. हिंसक भीड़ ने पिता-बेटे सहित एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. सुती, धुलियान, समसेरगंज और जंगीपुर इलाकों में हुई हिंसा के बाद सैकड़ों लोगों ने पलायन किया था. पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अहमद हसन इमरान ने बुधवार को हिंसा की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ठीक कहा है कि अगर हमें विरोध करना है तो दिल्ली जाकर शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए. टीएमसी के सांसद भी हमारे साथ विरोध में शामिल होंगे. यह नया वक्फ कानून जबरदस्ती हम पर थोपा गया है, लेकिन हिंसा करना बिल्कुल गलत है. ममता बनर्जी ने भी कहा है कि हिंसा नहीं होनी चाहिए थी. इस मामले की जांच चल रही है और हम हिंसा की निंदा करते हैं. हमारा मानना है कि हर विरोध शांतिपूर्वक होना चाहिए. वहीं गुरुवार को ममता बनर्जी ने कोलकाता में मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने मुर्शिदाबाद में हिंसा में मारे गये लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना पर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी जायेगी. हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने मुर्शिदाबाद में बॉर्डर सुरक्षा बल (BSF) की करीब 9 कंपनियां यानी 900 जवान तैनात किये हैं. इनमें से 300 जवान पहले से ही वहीं मौजूद थे और बाकी राज्य सरकार के कहने पर भेजे गये हैं. पुलिस ने बताया कि मुर्शिदाबाद हिंसा के मामले में अब तक 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. समसेरगंज, धुलियान और अन्य हिंसा-प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद है. सोमवार को पुलिस ने कहा कि हालात अब काबू में हैं और सब कुछ सामान्य हो गया है. दक्षिण बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुप्रतिम सरकार ने बताया कि स्थिति अब सामान्य है और सभी लोग सुरक्षित हैं. CRPF, राज्य पुलिस और अन्य संयुक्त बल इलाके में तैनात हैं. उन्होंने ये भी कहा कि राज्य के पुलिस प्रमुख खुद समसेरगंज थाने में मौजूद थे और लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर भरोसा न करें. इसके अलावा, पुलिस ने एक नियंत्रण कक्ष भी शुरू किया है, जहां लोग किसी भी समय मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं.
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