Ranchi : झारखंड वासियों को नये साल में छह सड़कों की सौगात मिलेगी. बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा और बंगाल से आना-जाना सुगम हो जायेगा. समय की बचत होगी. जरनी आरामदायक हो जायेगी. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) और पथ निर्माण विभाग ने सड़कों का काम पूरा करने के लिए योजनावदृध तरीके से काम शुरू कर दिया है. 2020 में कोरोना की वजह से लगभग सात माह तक काम बंद रहे.
नये साल में एनएचएआइ व पथ निर्माण अफसरों ने छह प्रमुख सड़कों का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. सडकों का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है. जहां जमीन अधीग्रहण की परेशानी थी, उसे दूर किया जा रहा है. हर 15 दिन पर सड़क निर्माण कार्य का प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है.
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झारखंड वासियों को 2021 में इन सड़कों की मिलेगी सौगात
सडक नंबर -1
रांची से जमशेदपुर होकर महुलिया तक राष्ट्रीय राजमार्ग(एच-33). यह सड़क 1321 करोड की लागत से बन रही है. जिसकी लंबाई 164 किलोमीटर है. जिसका निर्माण चार फेज में अलग-अलग कंपनियों दृवारा किया जा रहा है. महुलिया से शहरबेड़ा तक 44.20 किमी सड़क निर्माण में करीब 380 करोड़ में तैयार हुआ.
शहरबेड़ा से चौका तक 16.50 किमी सड़क का निर्माण पर 208 करोड़ खर्च होंगे. चौका से रामपुर तक 77.30 किमी सड़क का निर्माण 51 करोड़ की लागत से होगा. रामपुर से बायपास रांची तक 26.30 किमी सड़क के निर्माण 382 करोड़ लागत आयेगी.
सड़क नंबर- 2
रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 33. यह सड़क रांची टाटा के बीच लाइफ लाइन का काम करती है. ठेकेदार की गलत नीतियों के कारण 50 प्रतिशत काम होने के बाद यह अधूरा पड़ा हुआ था. अभी तीन जगह तमाड़, भुईयाडिह और चौका के पास निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.
जमशेदपुर में पारडीह से डिमना चौक तक एनएच 33 की चौड़ाई 42 मीटर ही बचेगी.इस सड़क के पूरा होने से रांची टाटा आने जाने वालों के समय में एक घंटे की बचत होगी.
सडक नंबर – 3
एनएचएआइ के द्वारा उच्च गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए रांची से जीटी रोड (एनएच-2) का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें हजारीबाग से बरही तक में दो जगह काम बचा हुआ है. जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा.
हजारीबाग से बरही के बीच 40.5 किलोमीटर फोर लेन हाइवे बनाने पर 500 करोड़ की लागत आयी है. इसके कंप्लीट होने से 30 से 35 मिनट में हजारीबाग से बरही पहुंच रहे हैं. रां
ची से जीटी रोड (एनएच-2) स्थित बरही तक 144 किलोमीटर की दूरी को वाहन तीन घंटे से भी कम समय में तय कर रहे हैं.
सडक नंबर -4
एनएच-75 झारखंड को तीन राज्यों से जोड़ता है. इसे रांची से गढ़वा तक फोर लेन किया जा रहा है. एनएचएआइ ने इसका काम तय समय तक पूरा करने का निर्देश दिया है. कारोबार के लिहाज से यह महत्वपूर्ण सड़क मानी जाती है. खासतौर पर कोयला और बॉक्साइट की ढुलाई होती है. चंदवा से लेकर भवनाथपुर के बीच कई कोयला खदान हैं. जहां से कोयला बनारस की थोक मंडी में पहुंचता है. इस सड़क के बन जाने से समय में बचत होगी.
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार सहित अन्य इलाकों से बड़ी संख्या में गाड़ियां हर दिन रांची शहर आती हैं. खलारी, बिजूपाड़ा, चान्हो, मांडर, रातू, नगड़ी, बेड़ो, इटकी इलाके के लोगों को भी रांची आने में समय कम लगेगा.
सडक नंबर -5
एनएच 23 पर पलमा से गुमला के बीच 63.170 किलोमीटर फोरलेन हाइवे का काम जल्द पूरा हो जाएगा. रांची में बेड़ो के पास पलमा से गुमला तक इस सड़क को फोर लेन होगा. जिसपर 650 करोड़ खर्च आंका गया है.
एनएच 23 का उपयोग झारखंड से ओडिशा और छतीसगढ़ जाने वाले वाहन करते हैं. रांची से पलमा होते हुए गुमला पहुंचने में ढाई घंटे लग जाते हैं. सड़क के फोर लेन होने से राजधानी रांची की कनेक्टिविटी लोहरदगा, नेतरहाट, पीटीआर, लातेहार, कोलेबिरा के अलावा राउरकेला के बीच आसान हो जाएगी. समय की भी बचत होगी.
सड़क नंबर – 6
रांची रिंग रोड के सभी सेक्शन पर 2021 में वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा. सात सेक्शन में बंटे 85 किलोमीटर लंबे इस रोड का निर्माण 13 वर्षों से चल रहा है. अभी तक पांच फेज में कुल 59 किमी छह लेन सड़क का काम हुआ है.
दो सेक्शन का काम तेजी से चल रहा है. 25.5 किमी के इस दो सेक्शन में विकास से टाटीसिल्वे और टाटीसिल्वे से रामपुर तक की सड़क शामिल है.
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