सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि वह 3 सी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है. इसके जरिए शिक्षा व्यवस्था पर हमला कर रही है. लिखा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा का केंद्रीकरण, व्यवसायीकरण और सांप्रदायिकीकरण (Centralisation, commercialisation and communalisation) कर रही है. सोनिया ने अपने लेख में केंद्र पर संघीय शिक्षा ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया. लिखा कि मोदी सरकार राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों से बाहर रखकर शिक्षा के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है. शिक्षा नीति में केंद्र सरकार ने सारी ताकत अपने हाथ में ले ली है. शिक्षा को निजी हाथों में सौंप दिया है और सिलेबस और संस्थानों में सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है.The National Education Policy 2020 hides the reality of the 3Cs that haunt Indian education today.
👉Centralisation of power with the union government; 👉Commercialisation and outsourcing of educational investments to the private sector; 👉Communalisation of textbooks,… pic.twitter.com/TN6SLzB7cD">https://t.co/TN6SLzB7cD">pic.twitter.com/TN6SLzB7cD
— Congress (@INCIndia) March">https://twitter.com/INCIndia/status/1906530170409783373?ref_src=twsrc%5Etfw">March
31, 2025
विवि में दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े लोगों की भर्ती
सोनिया गांधी ने हिंदू में लिखे लेख में 89000 स्कूलो के बंद होने की बात कही. उन्होंने लिखा कि विश्वविद्यालयों में ऐसे प्रोफेसरों की भर्ती हो रही है, जो दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े हैं, भले ही उनकी शैक्षिक योग्यता कमजोर हो. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) प्रोफेसर और कुलपति की योग्यता को कम करने की कोशिश की जा रही है, ताकि सरकार अपने लोगों को इन पदों पर बिठा सके. सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के बच्चों और युवाओं की शिक्षा के प्रति बेहद उदासीन है. इसमें शिक्षा प्रणाली को जनसेवा की भावना से वंचित रखा गया है. आरोप लगाया कि इसमें शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया गया है. कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए. सोनिया गांधी ने लिखा कि पिछले 11 साल से अनियंत्रित केंद्रीकरण इस सरकार की कार्यप्रणाली की खास विशेषता रही है, लेकिन इसका सबसे खराब प्रभाव शिक्षा के क्षेत्र में पड़ा है. मोदी सरकार पर आरोप मढ़ा कि 2019 से केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक नहीं हुई है. बैठक में केंद्र और राज्य के शिक्षा मंत्री शामिल होते हैं. बोर्ड की आखिरी बैठक सितंबर 2019 में हुई थी. सोनिया ने मोदी सरकार पर लोकतांत्रिक परामर्श की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कहा, राज्य सरकारों से परामर्श किये बिना NEP 2020 को लागू कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार आरएसएस और भाजपा के पुराने एजेंडे को पूरा कर रही है, जिसमें शिक्षा के जरिए नफरत और कट्टरता फैलाना शामिल है. इसे भी पढ़ें : ममता">https://lagatar.in/mamata-banerjee-said-bjps-politics-is-divisive-dont-get-provoked-riots-can-break-out/">ममताबनर्जी ने कहा, भाजपा की राजनीति विभाजनकारी, उकसावे में न आयें, दंगे भड़क सकते हैं…