Lagatar Desk : आज रविवार 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस है. मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है. हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद की याद में हर वर्ष खेल दिवस पर कई आयोजन होते हैं. साथ ही खिलाड़ियों को पुरस्कृत किये जाते हैं. भारत सरकार ने 2012 से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है.
हर साल 29 अगस्त को बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है. सभी आयु वर्ग के लोग खेल में भाग लेते हैं जैसे मैराथन, कबड्डी, बास्केटबॉल, हॉकी आदि. यह दिन न केवल लोगों के लिए मनोरंजन के रूप में काम करता है बल्कि एक व्यक्ति के जीवन में खेल की भूमिका के बारे में भी जागरुकता फ़ैलाता है.
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खेल दिवस का महत्व असीम है
राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व असीम है. यह केवल इस दिन का जश्न मनाने के बारे में ही नहीं है बल्कि देश भर में खेलों और खेलों की भावना का जश्न मनाने के बारे में है. उत्सव का मतलब है कि इस दिन के महत्व पर प्रकाश डालना और खेल के प्रति जनता का ध्यान आकर्षित करना. इस तरह के दिवस युवाओं को मान्यता देते हैं, रोजगार प्रदान करते हैं और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बारे में जागरूकता पैदा करते हैं.
देश के खेल प्रशंसक सभी विभिन्न खिलाड़ियों के काम की प्रशंसा करते हैं और उन सभी महानतम खिलाड़ियों की याद में इस दिन को बहुत उत्तेजना के साथ मनाया जाता है. राष्ट्रीय खेल दिवस का मुख्य उद्देश्य खेल के महत्व के बारे में जागरुकता पैदा करना और मानव शरीर के अपने फायदे को समझने के लिए लोगों का ध्यान केंद्रित करना है.़
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कौन थे मेजर ध्यानचंद
ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ था. उन्हें खेल के इतिहास में सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक माना जाता है. उन्हें अपनी गेंद नियंत्रण की कला में महारथ के लिए ‘हॉकी का जादूगर’ कहा जाता था. उन्होंने 1948 में अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान 400 से अधिक गोल किए. भारत सरकार ने 1956 में भारत के तीसरे उच्चतम सम्मान पद्म भूषण के साथ ध्यानचंद को सम्मानित किया. वे 1922 में एक सैनिक के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुए. खेल के प्रति उनके समर्पण और उनकी उपलब्धि को देखते हुए ही उनके जन्मदिन 29 अगस्त भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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