विकास विभाग की समीक्षा बैठक में CM का निर्देश, अगले 30 वर्ष का आकलन कर बनाएं योजना
नगर विकास विभाग की हैं 10 योजनाएं
नगर विकास विभाग की 10 योजनाएं ऐसी है, जिनपर 400 करोड से ज्यादा राशि खर्च हो गई हैं. उसके बाद उन योजनाओं का काम बंद हो गया है. रांची, धनबाद, जमशेदपुर और बोकारो सहित कई शहर में विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने में नगर विकास विभाग को जनविरोध सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड रहा है.रांची में करोंडो खर्च के बाद बंद हो गई बड़ी योजनाओं के नाम
राजधानी रांची में सीवरेज, ड्रेनेज सिस्टम, कांटाटोली प्लाईओवर, शहरी जलापूर्ति योजना, स्लॉटर हाउस, हरमू नदी योजना पर करोंडों रूपए खर्च कर दिए गए, मगर योजनाओं का काम पूरा नहीं कराया जा सका. दूसरी तरफ इन योजनाओं के डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) और काम में अनियमितता की बात सामने आ रही हैं. इनमें से कई योजनाओं में गडबडियों को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में पीआईएल भी हो चुका है. इसे भी पढ़ें- हेमंत">https://lagatar.in/on-completion-of-one-year-of-hemant-government-development-fair-will-be-held-in-every-district-and-capital-ranchi-in-full-swing/10863/">हेमंतसरकार के एक साल पूरा होने पर राजधानी रांची समेत हर जिले में लगेगा विकास मेला, तैयारी जोरों पर सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम : रांची में नगर निगम ने शहरी क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम को 4 फेज में कंप्लीट करने को लेकर कार्रवाई शुरू की थी. करोड़ों खर्च के बाद पहले फेज में योजना का काम बंद हो गया. शिलान्यास 2015 में हुआ था. सीवर का 220 किलोमीटर और ड्रेनेज का 100 किलोमीटर लाइन बिछाया जाना था. तय समय में मात्र 50 प्रतिशत सीवर लाइन बिछ पाया. आधे अधूरे काम पर 125 करोंड अफसरों ने खर्च दिए. हरमू नदी : नगर विकास विभाग के एजेंसी जुडको ने हरमू नदी के सौंदर्यीकरण की योजना पर 84 करोंड रूपए खर्च कर दिए. कुछ दन नदी साफ दिखी, फिर एक नाले के रूप में तब्दील हो गई. नदी में आसपास का मुहल्लों से आने वाली 80 नालियों के पानी को साफ करना था. जुडको ने मात्र 6 नालियों को ही सीवर लाइन से जोडा. नदी में गिरने वाली सभी नालियों के लिए प्लान ही नहीं बनाया. कांटाटोली फ्लाईओवर : नगर विकास ने 2017 में काटाटोली फ्लाईओवर का काम शुरू कराया था. करोंडो खर्च होने के बाद गडबड़ी सामने आ गई. निर्माण कार्य बंद हो गया. जबकि अफसरों ने 40.30 करोंड के डीपीआर राशि को तकरीबन दोगुना बढ़ाकर 82.14 करोंड किया था. अर्बन हार्ट : रांची के कांके में चट्टान पर अर्बन हाट बनने का काम शुरू हुआ. मगर जुडको के अधूरी योजना की वजह से मात्र 5 प्रतिशत काम हो पाया. काम बंद हो गया. 5 करोड राशि भी खर्च हो गई.
वर्षों बाद ट्रांसपोर्ट नगर के लिए जमीन अधिग्रहण का काम हुआ शुरू
कांके के सुकुरहुट्टू में जमीन अधिग्रहण की आमसूचना निकाल कर, जनसुनवाई भी पूरी कर ली गयी है. ट्रांसपोर्ट नगर 40 एकड़ जमीन पर बनेगा. इसमें सिर्फ 8.665 एकड़ जमीन का ही अधिग्रहण किया जा रहा है. तत्कालीन रघुवर सरकार में ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 220 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था. जो अब बढकर 250 को गया है. ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण के लिए कई बार स्थान का चयन किया गया था. नामकुम में भी जमीन देखी गयी थी, लेकिन सुकुरहुट्टू में बनाने पर सहमति बनी और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गयी. इसे भी पढ़ें- लातेहार:">https://lagatar.in/latehar-central-economic-advisor-arrives-to-investigate-mnrega-inspects-plans/9202/">लातेहार:मनरेगा की जांच के लिए पहुंचे केन्द्रीय आर्थिक सलाहकार, योजनाओं का किया निरीक्षण ट्रांसपोर्ट नगर में 705 ट्रक एक साथ पार्क होंगे. साथ ही हेल्थ केयर सेंटर, फूड कोर्ट कैंटीन, रिटेल शाप और धर्मकांटा की सुविधा मिलेगी.