
ST आयोग का निर्देश: सिरमटोली फ्लाईओवर रैम्प पर जांच पूरी होने तक न हो उद्घाटन

Ranchi : सिरमटोली फ्लाईओवर रैम्प के उद्घाटन को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक आयोग द्वारा जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक फ्लाईओवर रैम्प पर किसी भी प्रकार का कार्य या उद्घाटन नहीं किया जाएगा. आयोग ने यह भी आपत्ति जताई कि राज्य सरकार ने छुट्टी के दिन पत्र जारी कर मुख्यमंत्री के सचिव द्वारा निर्धारित बैठक को स्थगित कर दिया.अब बैठक की नई तिथि चार दिन बाद तय की जाएगी. आयोग ने दोहराया कि जांच पूरी होने तक न तो कोई कार्य योजना बनेगी और न ही उद्घाटन होगा। आर्यभट्ट सभागार में आदिवासी संगठनों की बैठक : रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा की उपस्थिति में जनजातीय सामाजिक संगठन और केंद्रीय समाज समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभिन्न आदिवासी संगठनों ने भाग लिया. सिरमटोली बचाओ संघर्ष समिति ने बैठक में बताया कि फ्लाईओवर रैम्प के कारण सरना स्थल का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। यह स्थल आदिवासी समुदाय के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है. विकास के नाम पर छीनी जा रही आदिवासियों की धार्मिक भूमि: गीताश्री उरांव : पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस भरोसे के साथ मुख्यमंत्री को सत्ता सौंपी गई थी, वह अब टूट चुका है. उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर आदिवासियों की धार्मिक और सांस्कृतिक ज़मीनें छीनी जा रही हैं, जो निंदनीय है बिना सहमति के हुआ डीपीआर में बदलाव: कुंदरसी मुंडा : सामाजिक कार्यकर्ता कुंदरसी मुंडा ने कहा कि डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) में बदलाव आदिवासी समुदाय की सहमति के बिना किया गया, जो सीधे तौर पर संविधान का उल्लंघन है. उन्होंने बताया कि रैम्प की शुरुआत सिरमटोली चौक से 500 मीटर पहले कर दी गई है, जिससे विवाद और गहरा गया है. आयोग की सदस्य ने किया स्थल का निरीक्षण : बैठक के बाद, एसटी आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने सिरमटोली फ्लाईओवर रैम्प स्थल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार को झारखंड की जल, जंगल, जमीन और धार्मिक स्थलों की रक्षा करनी चाहिए. इस मौके पर जगलाल पाहन, बबलु मुंडा, रवि तिग्गा, सुरेंद्र लिंडा, फुलचंद तिर्की, बहा लिंडा, आकाश तिर्की, संगीता कच्छप सहित सैकड़ों आदिवासी संगठन प्रतिनिधि उपस्थित थे