NewDelhi : स्टांप वेंडर पब्लिक सर्वेंट हैं. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिमियम(पीसी एक्ट) के तहत कार्रवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जेबीपारदी वाला और न्यायाधीश आर माधवन की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील याचिका की सुनवाई के बाद यह व्यवस्था दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा स्टांप वेंडर को पीसी एक्ट की धारा 7 और 13(1)(डी) सह पठित धारा 13(2) के तहत दोषी करार दिये गये फैसले को सही ठहराया था. दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गयी थी. इसमें यह कहा गया था पीसी एक्ट की धाराओं के तहत दंडित किये जाने का प्रावधान सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है. स्टांम वेंडर सरकारी कर्मचारी नहीं है. इसलिए उसे पीसी एक्ट के तहत दोषी करार दिया जाना सही नहीं है. ट्रायल कोर्ट ने स्टांप वेंडर अमन भाटिया को पीसी एक्ट के तहत दोषी करार दिया था. अमन भाटिया के खिलाफ यह शिकायत की गयी थी कि उसने 10 रुपये के स्टांप पेपर के लिए दो रुपये की रिश्वत मांगी थी. एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच के बाद अमन भाटिया के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. ट्रायल कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद अमन भाटिया को पीएस एक्ट के तहत दोषी करार दिया था. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील की सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही करार दिया था. इसके बाद अमन भाटिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने स्टांप एक्ट की धाराओं की व्याख्या करने के बाद कहा कि स्टांप वेंडर पब्लिक सर्वेंट है. इसलिए उसके खिलाफ पीसी एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इसे भी पढ़ें : गंगा">https://lagatar.in/fighter-jets-practiced-landing-and-take-off-on-ganga-expressway/">गंगा
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स्टांप वेंडर पब्लिक सर्वेंट है, पीसी एक्ट में कार्रवाई होगी : SC
