- विभागीय मंत्री के हस्तक्षेप की वजह से अटका पड़ा है गठन
- आवेदन जमा होने के दो साल बाद भी नहीं हो पाई नियुक्ति
राजस्तरीय अपीलीय प्राधिकार का क्या है काम
मनरेगा में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में मिल रही शिकायतों, अनियमितताओं आदि पर लोकपाल सुनवाई करते हैं. सुनवाई के बाद लोकपाल जो आदेश पारित करते हैं, उस आदेश के खिलाफ दूसरा पक्ष राजस्तरीय अपीलीय प्राधिकार में अपना पक्ष रख सकता है. राज्य में अभी तक प्राधिकरण के गठन नहीं होने से मनरेगा की शिकायतों पर पारित लोकपाल के आदेश के खिलाफ अपील नहीं हो पा रही हैं. वर्तमान में राज्य के 19 जिलो में ही मनरेगा लोकपाल की नियुक्ति की गयी है.कितने लोगों की होनी है नियुक्ति
अपीलीय प्राधिकरण के पद पर तीन लोगों की नियुक्ति की जानी है. सामाजिक, शिक्षा व प्रशासनिक क्षेत्र में जिन्होंने कार्य किये हैं, उन्हें ही इन पदों के लिए योग्य माना गया है. ग्रामीण विकास विभाग ने जो आवेदन मांगे थे, उसमें बड़ी संख्या योग्य लोगों ने आवेदन जमा किये थे. इसे भी पढ़ें : बाहरी-भीतरी">https://lagatar.in/tripathi-is-struggling-with-the-issue-of-insider-and-outsider-kalicharan-is-in-danger-from-his-own-people/">बाहरी-भीतरीके मुद्दे से जूझ रहे त्रिपाठी, कालीचरण को अपनों से है खतरा [wpse_comments_template]