बीमार पड़ने पर साथी मजदूरों ने छोड़ दिया साथ
बबलू 2018 में रोजगार की तलाश में कोआलालंपुर, मलेशिया चला गया था. इतने दिनों तक नौकरी करने के बाद विदेश में बीमार पड़े बबलू का साथ साथी मजदूरों ने छोड़ दिया. साथी बबलू को उसकी हाल पर छोड़ दुबई चले गए. इसके बाद बबलू को वहां के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. इसमें एनजीओ शिखा फाउंडेशन ने उसकी मदद की.परिजनों ने सीएम से लगायी गुहार
बबलू के परिजनों ने सीएम को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी थी. जिसके बाद सीएम की ओर से श्रम कंट्रोल रूम को बबलू की ट्रैकिंग का आदेश दिया गया. बबलू के परिजनों ने झारखंड सरकार के श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग के सचिव के माध्यम से भारत उच्चायोग, कुआलालंपुर को एक पत्र लिखा. इसके बाद बबलू किस्कु से जुड़े मामले को अस्पताल प्रभारी से समन्वय के साथ शिखा एसोसिएशन, मलेशिया के सहयोग से कोविड परीक्षण, इमिग्रेशन और फ्लाइट की व्यवस्था की गई. इसके बाद सिर्फ आठ दिनों के प्रयास से बबलू किस्कु को वापस लाया जा सका.बबलू को मिला व्हाइट पासपोर्ट, तब लौट सका झारखंड
झारखंड सरकार के हस्तक्षेप के बाद बबलू किस्कू को व्हाइट पासपोर्ट (स्पेशल पास) उपलब्ध कराया गया. शिखा एसोसिएशन ने बबलू को अस्पताल से डिस्चार्ज एवं दूतावास की सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए 3 अप्रैल की रात 2 बजे कुआलालंपुर मलेशिया से एयरलिफ्ट किया गया. बबलू दिल्ली एयरपोर्ट से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची पहुंचा. जहां से बोकारो जिला प्रशासन ने उसे घर तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रखी थी. बबलू की घर वापसी से परिजनों में खुशी की लहर है. वे झारखंड सरकार को धन्यवाद देते नहीं थक रहे. https://english.lagatar.in/lover-couple-were-running-away-from-the-village-secretly-villagers-caught-and-got-married/45060/https://english.lagatar.in/30-people-in-the-uk-complain-of-clots-after-the-astrazeneca-vaccine-but-the-benefits-outweigh-the-dangers/45072/
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