Ranchi: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 9 जुलाई को हड़ताल होने जा रही है. झारखंड में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त मंच ने यह जानकारी दी. रांची में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल को लेकर व्यापक रणनीति और तैयारियों की जानकारी दी गयी.
उन्होंने बताया कि हड़ताल 17 सूत्री मांगों को लेकर की जा रही है. मांगों में मुख्य रूप से चारों श्रम संहिताओं की वापसी, 26,000 रुपये न्यूनतम वेतन, 9000 रुपये न्यूनतम पेंशन, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, महंगाई पर रोक, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद, यूनियन अधिकारों की रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य व पानी की सार्वजनिक गारंटी, बिजली के का विरोध और MSP की गारंटी आदि मुद्दे शामिल हैं.
संयुक्त मंच ने बताया कि 18 जून तक राज्यभर में हड़ताल के नोटिस जारी किये गये थे. 22 जून तक रांची, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग, दुमका सहित कई जिलों में सम्मेलन कर कार्यान्वयन समितियों का गठन कर लिया गया. 23 जून से 7 जुलाई तक नुक्कड़ सभाएं, जनसंपर्क यात्राएं, कॉलोनियों और बस्तियों में प्रचार अभियान चलाया गया.
संयुक्त मंच ने बताया कि 30 जून को हूल दिवस के अवसर पर श्रमिक संगठनों ने सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रम कोड की प्रतियां जलाईं. 8 जुलाई को मशाल जुलूस और 9 जुलाई को राज्य व ज़िला मुख्यालयों पर पुतला दहन एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क जाम की योजना बनाई गयी है.
प्रेस वार्ता को एक्टू के शुभेंदु सेन, एटक के अशोक यादव, संतोष रजक, सीटू के अनिर्बान बोस, प्रतीक मिश्रा, एस के राय, बेफी के एम एल सिंह, किसान सभा के सुफल महतो, प्रफुल लिंडा और सीपीआई के अजय सिंह ने संबोधित किया.