Ranchi : वर्षों के संघर्ष और आंदोलन के बाद आखिरकार डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर ‘वीर बुधु भगत विश्वविद्यालय’ कर दिया गया. कैबिनेट से नाम परिवर्तन की घोषणा होते ही विश्वविद्यालय परिसर में जश्न का माहौल बन गया.
आदिवासी छात्र संघ के छात्रों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया और एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर खुशी का इजहार किया. इसे झारखंड की सांस्कृतिक पहचान और महापुरुषों के सम्मान की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है.
2014 से चल रहे इस आंदोलन में आदिवासी छात्रों ने लगातार यह मांग की थी कि विश्वविद्यालय का नाम किसी झारखंडी स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी गौरव के नाम पर रखा जाए. वीर बुधु भगत, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया था, अब विश्वविद्यालय के नाम के रूप में अमर हो गए हैं.
छात्रों ने इस अवसर पर कहा कि केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि शैक्षणिक गुणवत्ता में भी सुधार होना चाहिए. पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं. उनका कहना था कि बदलाव केवल नाम से नहीं, काम से भी दिखना चाहिए.
छात्र नेता संजय महली ने कहा कि भाजपा शासनकाल में रांची विश्वविद्यालय का नाम बदलकर डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रखा गया था, जो राज्य की संस्कृति और आदिवासी इतिहास के अनुरूप नहीं था.
छात्रों ने बिरसा मुंडा की तर्ज पर ‘नए उलगुलान’ की बात करते हुए राज्य के हर कोने में आदिवासी इतिहास और संघर्ष को उचित स्थान दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया.