NewDelhi : भाजपा सांसद (राज्यसभा) सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को ट्वीट कर कहा है कि विराट भारत जल्द उभरने वाला है. यह रसगुल्लों से बना नहीं होगा. यह बात स्वामी ने चीन के संदर्भ में कही है. साथ ही उन्होंने वह तरीका भी सुझाया है, जिसके जरिए चीन को यह बात समझायी जा सके कि हम कमजोर नहीं हैं.
A way to tell China that Virat Hindustan is soon emerging which will not be of Rosogollas (unless they return our grabbed territory) is to announce that Vajpayee’s 2003 sellout Treaty (agreeing to 4 way partition of Tibet& merging 3 parts with adjacent provinces) is scrapped.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 20, 2021
पीएलए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अधिक शक्तिशाली है.
स्वामी के अनुसार चीन को बताया जाना चाहिए कि विराट हिंदुस्तान उभर रहा है, जो कि रसगुल्लों (जब तक वे हमारे कब्जे वाले क्षेत्र को वापस नहीं कर देते) का नहीं होगा. कहा कि चीन को यह बात बताने का एक तरीका यह है कि अटल बिहारी वाजपेयी की साल 2003 की सेलऑउट ट्रीटी (तिब्बत के चार तरह के विभाजन पर रजामंदी और तीन भागों को आसन्न प्रांतों के साथ विलय करना) खत्म हो चुकी है.
पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने एक अन्य ट्वीट में यह भी लिखा कि यह बिल्कुल साफ हो रहा है कि चीन की पीएलए (पीपल्स लिब्रेशन आर्मीः सेना) वहां की लाइफ लाइन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अधिक शक्तिशाली है.
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पत्रिका द ड्राइव/द वॉरजोन में भारत की चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट
स्वामी के ट्वीट के बीच लद्दाख स्थित एलएसी को लेकर पत्रिका द ड्राइव/द वॉरजोन में भारत की चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. पत्रिका ने सैन्य तैयारियों और सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए कूटनीतिक स्थिति परखने वाली तीन OSINT डेट्रेस्फा, सिम टैक और द इंटेल लैब की रिपोर्ट छापी है. बता दें कि भारत के साथ लगातार सीमा पर तनाव की स्थितियों के मद्देनजर चीन ने 2017 के डोकलाम विवाद के बाद से ही अपने जमीन आधारित एयर डिफेंस सिस्टम, हेलिपोर्ट और रेल लाइनों को मजबूत करना शुरू कर दिया था. अब इसी कड़ी में चीनी सेना अपने एयरबेसों को जबरदस्त मजबूती देने में जुटी है.
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शिनजियांग क्षेत्र में चीन तश्कुरगान के पास नया एयरबेस बना रहा है
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन इस समय उसी रफ्तार से निर्माण कार्य कर रहा है, जिस गति से 2010 में उसने दक्षिण चीन सागर में इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित कर लिये थे. कहा गया है कि शिनजियांग क्षेत्र में चीन तश्कुरगान के पास नया एयरबेस बना रहा है, इसके अलावा काशगार और होतान शहर के पास एयरबेस और एयरपोर्ट्स को और तेजी से विकसित कर रहा है. जान लें कि होतान वह इलाका है, जो अक्साई चिन और लद्दाख को बांटता है.
बदलाव छोटे-मोटे न होकर बड़े स्तर के हैं
वॉरजोन में छपी रिपोर्ट के अनुसार होतान में चीनी सेना द्वारा किये जा रहे बदलाव छोटे-मोटे न होकर बड़े स्तर के हैं. इधर अरुणाचल प्रदेश के पास चीनी सेना ने चेंगदू बांग्दा के नागरिक एयरपोर्ट को बदलने का काम भी शुरू कर दिया है. यह एयरपोर्ट, जिसका रन-वे पहले ही चीन में सबसे बड़ा है, उसे और बढ़ाने के साथ एयरपोर्ट के करीब वाले पहाड़ में अंडरग्राउंड फैसिलिटी भी तैयार की जा रही है. लंबे रनवे की जरूरत इसलिए है, क्योंकि यह एयरपोर्ट 14 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर है और यहां फाइटर जेट के इंजन पूरी तरह काम नहीं करते.
ल्हासा एयरपोर्ट माल-ढुलाई का अहम केंद्र है
सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के पास ल्हासा एयरपोर्ट चीनी क्षेत्र का माल-ढुलाई का अहम केंद्र है. इस जगह पर 24 शेल्टर्स के साथ अंडरग्राउंड फैसिलिटी तैयार की जा रही हैं. नेपाल बॉर्डर के पास भी चीन शिंगात्से टिंगरी में एक दोहरे इस्तेमाल वाला एयरपोर्ट तैयार कर रहा है. जान लें कि यह जगह डोकलाम से महज 230 किमी ही दूर है. सैटेलाइट तस्वीरों पर नजर डालें. तो चीन ने तिब्बत के पास नगारी गुनसा और अन्य सीमाई क्षेत्रों में जमीन से हवा में मार करने की क्षमता वाली मिसाइलें भी तैनात कर ली हैं.
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