NewDelhi/Ranchi : सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के जजों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि कई जज ऐसे हैं जो लगातार काम नहीं करते हैं और बार-बार ब्रेक लेते हैं. पीठ ने कहा कि जजों को केवल दोपहर के भोजन के लिए ब्रेक लेना चाहिए और लगातार काम करना चाहिए. परफॉर्मेंस का आकलन करने की जरूरत सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों के परफॉर्मेंस का आकलन करना जरूरी है. पीठ ने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर गौर करने की जरूरत है. जजों का परफॉर्मेंस कैसा है? हम कितना खर्च कर रहे हैं और उसका आउटपुट क्या है? अब समय आ गया है कि हम उनके परफॉर्मेंस का आकलन करें. झारखंड हाईकोर्ट के मामले में हुई टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी झारखंड हाईकोर्ट के एक मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते समय की. झारखंड हाईकोर्ट ने साल 2022 में दोषसिद्धि और आजीवन कारावास के खिलाफ अपील पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था. लेकिन अदालत ने अपना फैसला नहीं सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट ने बाद में फैसला सुनाया और चार में से तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया. वकील की दलील पर सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया वकील फौजिया शकील ने कहा कि अगर हाईकोर्ट ने समय पर फैसला सुनाया होता तो आरोपी तीन साल पहले ही जेल से बाहर आ गए होते. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जजों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई और कहा कि जजों को अपने काम के प्रति अधिक जिम्मेदार होना चाहिए. इसे भी पढ़ें : महिलाएं">https://lagatar.in/if-women-can-fly-rafale-then-why-are-their-numbers-low-in-armys-legal-branch-sc/">महिलाएं
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सुप्रीम कोर्ट की हाईकोर्ट जजों को फटकार, बार-बार ब्रेक लेने पर जताई नाराजगी
