Arvind Singh
Tamar : तमाड़ के परासी टोला कुटाचावली के किसानों द्वारा नौ जंगली हाथियों को खलिहान से भगाना मंहगा पड़ा, जब मशाल से खलिहान में रखी धान की फसल में आग लग गयी. एक ओर हाथियों के आक्रमण से फैली दहशत, दूसरी ओर धू-धू कर खलिहान में लगी आग को बुझने की चुनौती के बीच फंसे किसानों के करीब पचास-साठ क्विंटल अनाज जलकर नष्ट हो गये. यह घटना शुक्रवार की रात करीब ग्यारह बजे की बताई जा रही है. एक पखवाड़े से परासी और आसपास के गांवों में आतंक के पर्याय बने नौ जंगली हाथी रात को कुटाचावली पहुंच गये. तब किसान रामचन्द्र सिंह मुंडा अपने साथियों के साथ खलिहान के समीप अलाव जला कर धान की फसल की रखवाली कर रहे थे.
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वन विभाग से मुआवजे और जान-माल की सुरक्षा की गुहार
इस बीच ठीक खलिहान के समीप नौ जंगली हाथी पहुंचे और एक हाथी ने अलाव के समीप बने धान की चक्की को अलाव की ओर गिरा दिया.रामचन्द्र मुंडा सहित अन्य ग्रामीण हाथियों को नजदीक देख भाग खड़े हुए और हो-हल्ला करते ग्रामीणों से मदद की आवाज लगाई. ग्रामीण भी पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद हाथियों को खदेड़ा. मौके पर पहुंचे महिला-पुरुष द्वारा सामूहिक रुप से पानी लेकर आग बुझाने का प्रयास किया. इस संदर्भ में पीड़ित किसानों ने तमाड़ वन विभाग को मुआवजे और जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है. गौरतलब है कि चार दिन पूर्व इन्ही जंगली हाथियों ने रुगड़ी गांव की अट्ठारह वर्षीय नव विवाहिता जो अपने मायके जा रही थी, को कोठाडीह स्थित सरकारी तालाब के समीप हाथी ने कुचल कर मार डाला था. तब से इस क्षेत्र में हाथियों के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं.
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