LagatarDesk : सरकार ने Tata Communications में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है. सरकार ने कंपनी में अपनी बची 10 फीसदी हिस्सेदारी पैनाटोन फिनवेस्ट को बेच दिया. इस तरह सरकार Tata Communications से बाहर निकल गयी है. इस सौदे से पहले कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 26.12 फीसदी और पैनाटोन फिनवेस्ट की हिस्सेदारी 34.80 फीसदी, टाटा संस की 14.07 फीसदी और सार्वजनिक शेयर होल्डर्स के पास शेष 25.01 फीसदी हिस्सेदारी थी.
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सरकार ने पैनाटोन फिनवेस्ट को बेची 10 फीसदी हिस्सेदारी
दूरसंचार विभाग ने भारत के राष्ट्रपति की ओर से शेयर बाजारों को भेजी. सूचना में कहा कि हम यह सूचित करना चाहते हैं कि हमने बाजार के बाहर 2,85,00,000 इक्विटी शेयर बेचे हैं. यह कंपनी की कुल शेयरहोल्डिंग का 10 फीसदी है. सरकार ने पैनाटोन फिनवेस्ट लि. को 10 फीसदी हिस्सेदारी बेची है.
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ऑफर फॉर सेल के जरिये 16.12 फीसदी बेची हिस्सेदारी
सरकार पहले ही निवेशकों को बिक्री को लिए ऑफर फॉर सेल के जरिए कंपनी की 16.12 फीसदी हिस्सेदारी 1161 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर बेच चुकी है. सरकार ने न्यूनतम 25 फीसदी शेयर म्यूचुअल फंड कंपनियों तथा बीमा कंपनियों तथा 10 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित किये थे. ऑफर फॉर सेल को 1.33 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था.
2002 तक कंपनी का नाम VSNL
टाटा समूह ने 2002 में पूर्ववर्ती विदेश संचार निगम लि. का अधिग्रहण किया था. उसके बाद Tata Communications अस्तित्व में आयी थी. विदेश संचार निगम लि. की स्थापना सरकार ने 1986 में की थी.
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2002 में सरकार ने निजीकरण का लिया था फैसला
इसी कंपनी ने भारत में इंटरनेट लाया था. रिसर्च कम्युनिटी के लिए इंटरनेट की शुरुआत 1986 में हुई थी. सार्वजनिक तौर पर 15 अगस्त 1995 को VSNL ने देश में पहली बार इंटरनेट सेवा को शुरू किया था. वर्तमान में देश में 72 करोड़ से ज्यादा एक्टिव इंटरनेट यूजर्स हैं. 2002 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने इस कंपनी के निजीकरण का फैसला किया था.
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