Ranchi: अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक 19 अप्रैल को हुई.जिसमें रोस्टर के तहत 50 प्रतिशत उपस्थिति का विरोध किया गया. इस संबंध में संघ के प्रवक्ता नसीम अहमद ने बताया कि शिक्षक कोरोना से संक्रमित हो रहे है. स्कूल बंद है. इसके बाद भी शिक्षकों को स्कूल बुलाने का आदेश सही नहीं है. सभी विद्यालयों में पचास प्रतिशत उपस्थिति के साथ शिक्षकों को रहने का आदेश जारी किया गया है. जिसपर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की कड़ी आपत्ति है. संघ ने इसे अमान्य करने योग्य करार दिया है.
सरकार ने स्कूलों को बंद रखने का दिया आदेश
संघ का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर मुख्यसचिव सुखदेव सिंह ने राज्य के सभी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश जारी किया. लेकिन इस आदेश को स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग द्वारा दरकिनार कर दिया गया. ऐसी परिस्थिति में स्कूल खोलकर शिक्षकों को विद्यालय में बने रहने का हास्यास्पद आदेश जारी किया है. जबकि रोस्टर आधारित उपस्थिति का आदेश सरकार की पुरानी व्यवस्था थी. जो 18 अप्रैल के मुख्य सचिव के आदेश के बाद अर्थहीन हो चुकी है.
आदेश का दुष्परिणाम शिक्षकों को भुगतना होगा
संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजेन्द्र चौबे,महासचिव राम मूर्ति ठाकुर ने कहा है कि ऐसे समय में जब कई जिलों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षा कर्मी संक्रमित हो रहे हैं. इनमें से कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं.शिक्षकों को मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव के आदेश के विपरीत विद्यालय आने के लिए बाध्य करना कोरोना संक्रमण को गति देने वाला प्रशासकीय चूक होगा.