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भारत-पाक में तनाव : गृह मंत्रालय का राज्यों को निर्देश, 7 मई को करें मॉक ड्रिल

Lagatar Desk पहलगाम घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने कई राज्यों को एक निर्देश जारी कर कहा है कि वह 7 मई को मॉक ड्रिल का आयोजन करें. कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल करें. तनाव के बीच मॉक ड्रिल को भारत की तैयारियों को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है. जारी निर्देश के मुताबिक मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले के सायरन को संचालित करके, नागरिकों को प्रशिक्षण देकर, ब्लैकआउट प्रोटोकॉल लागू करके, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की घोराबंदी करके और लोगों को निकालने की योजनाओं का रिहर्सल करने को कहा गया है. ताकि खतरे को कम किया जा सके और समय पर जवाबी कार्रवाई की जा सके. 7 मई को होने वाले मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य देश भर में नागरिक सुरक्षा तैयारियों का आकलन करना है. खास कर पाकिस्तान से सटे राज्यों जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश पर ध्यान देने को कहा गया है. 
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों की कार्यक्षमता का परीक्षण करना.
  • नागरिकों, विशेषकर छात्रों को स्वयं की सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया तकनीकों में प्रशिक्षण देना.
  • स्थानीय प्रशासन, रक्षा बलों और अन्य एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करना.
  • वास्तविक समय के परिदृश्यों का अनुकरण करके जनता की प्रतिक्रिया और बुनियादी ढांचे की मजबूती का आकलन करना.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इतने बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा ड्रिल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध से पहले आयोजित किया गया था, जिसमें हवाई हमले की तैयारियां और ब्लैकआउट प्रोटोकॉल शामिल थे. 
मॉक ड्रिल का दायरा
  • ड्रिल पूरे देश में आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सीमावर्ती राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
  • स्थानीय प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन सेवाएं, स्वास्थ्य विभाग और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक भाग लेंगे ताकि अंतर-एजेंसी समन्वय सुनिश्चित हो.
  • जनता में दहशत से बचने के लिए, राज्यों को ड्रिल से पहले नागरिकों को सूचित करने के लिए सलाह जारी करने का निर्देश दिया गया है. 
  • गृह मंत्रालय ने राज्यों को ड्रिल के परिणामों पर विस्तृत रिपोर्ट 30 जून 2025 तक जमा करने की समय सीमा निर्धारित की है, ताकि तैयारियों में कमियों का आकलन किया जा सके और आगे सुधार की योजना बनाई जा सके.
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