Ranchi : पीएलएफआई टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ी कार्रवाई की है. पीएलएफआई सुप्रीमों दिनेश गोप से पूछताछ से मिली जानकारी के बाद एनआईए ने गुमला के कामदारा इलाके के जंगल से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किये हैं. इसमें 7.62 एमएम की 1245 गोलियां और 5.56 एमएम की 271 गोलियां शामिल हैं. जब्त गोला बारूद लगभग दो साल पहले बिहार के नालंदा जिले के सिक्सोहरा से पीएलएफआई को मिला था. जिसे संगठन ने पीएलएफआई के उग्रवादियों को बांटने के लिए रखा गया था. दिनेश गोप ने ही जांच एजेंसी की टीम का नेतृत्व किया और उस स्थान पर पहुंचाया जहां गोला-बारूद छिपाये गये थे. (पढ़ें, दर्दनाक : गुवाहाटी में सड़क हादसा, इंजीनियरिंग कॉलेज के सात छात्रों की मौत)
21 मई को गिरफ्तार हुआ था दिनेश गोप
बीते 21 मई को एनआईए ने दिनेश गोप को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. दिनेश गोप के खिलाफ 102 आपराधिक मामले दर्ज हैं और उस पर 30 लाख रुपये का इनाम था. वह वर्तमान में एनआईए की हिरासत में है. झारखंड के खूंटी जिले के दिनेश गोप को कुलदीप यादव और “बडकू” के नाम से भी जाना जाता है. इससे पहले एनआईए द्वारा पीएलएफआई के लोगों से 25.38 लाख रुपये के विमुद्रीकृत मुद्रा की वसूली से संबंधित मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था.
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बेरोजगार युवकों को लालच देकर संगठन में जोड़ा जाता था
एनआईए की जांच के अनुसार, पीएलएफआई पहले झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (जेएलटी) के रूप में जाना जाता था. यह संगठन झारखंड में सैकड़ों अपराधिक घटनाओं के लिए जिम्मेदार है, जिसमें हत्या की घटनाएं भी शामिल हैं. पीएलएफआइ संगठन बेरोजगार युवकों को बाइक, मोबाइल फोन और आसानी से पैसा मुहैया कराने का लालच देकर संगठन में जोड़ने का काम करता था. जबरन वसूली पीएलएफआई की आय का प्रमुख स्रोत है.
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