सीएम के निर्देश के बाद शुरू हुई निर्माण कार्य की कसरत
राइट्स के इंजीनियरों को है सॉयल टेस्ट का इंतजार
Ranchi : पहाड़ी मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा तिरंगा फहराने का सपना बस सपना बनकर ही रह गया है. कहीं उसी तरह रोपवे परियोजना भी ख्वाब बनकर ना रह जाये. कुछ ऐसा ही अंदेशा भक्तों काे सता रहा है. मंगलवार को कुछ भक्तों ने अपनी भावना साझा करते हुए बेबाकी से कहा कि मिट्टी के पहाड़ पर रोपवे बनने से न सिर्फ पहाड़ी मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य बिगड़ेगा, बल्कि राज्य के धरोहर की भी हानि होने की पूर्ण संभावना है. विश्व का सबसे बड़ा तिरंगा फहराने की अधिकारियों की जिद ने तो पहले ही मंदिर का बंटाधार कर दिया है. अब कुछ लोगों की महत्वाकांक्षा कहीं इसे धरातल में ना पहुंचा दे.
प्रस्तुत है शुभम संदेश की खास रिपोर्ट…
व्यवसायी लाभ के लिए ऐसा किया जा रहा : बंटी शर्मा
पहाड़ी मंदिर के विकास को लेकर वर्षों संघर्ष करने वाले बंटी शर्मा का मानना है कि रोपवे योजना किसी भी तरह से ठीक नहीं है. व्यवसायी लाभ के लिए ऐसा किया जा रहा है. इसके दुष्परिणाम होंगे. वाहन का रास्ता पहले से 80 प्रतिशत बना हुआ है. बस थोड़ा काम बाकी है. उसे ही ठीक-ठाक कराकर विविध माध्यमों से सीढ़ी ना चढ़ पानेवाले असहायों के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि रोपवे से प्रकृति सौदर्य तो बिगड़ेगा ही मंदिर के धसने की भी पूर्ण संभावना है.
रोपवे से असहायों को होगी सहुलियत : राजेश साहू
मंदिर विकास समिति के सदस्य राजेश कुमार साहू बताते हैं कि यदि यह योजना धरातल पर उतरी तो असहायों को सहुलित होगी. 428 सीढी चढ़कर पहाड़ी बाबा का दर्शन करना सभी के लिए संभव नहीं हो पाता है. बुजुर्ग और शारीरिक रूप से कमजोर लोग मुख्य मंदिर तक नहीं पहुंच पाते. रोपवे बन जाने से सभी को सहुलियत होगी. उन्होंने बताया कि रोपवे, कारिडोर और परिक्रमा पथ बनाने की योजना का कार्य केंद्रीय एजेंसी राइट्स को सौंपा गया है. मंदिर के लिए यह सब ठीक है कि नहीं, यह तो जियोलाजिकल सर्वे टीम की रिर्पोट और फीजिबिलिटी स्टडी के बाद ही पता चलेगा.
मंदिर का बिगड़ेगा प्रकृति सौंदर्य : विजय ठाकुर
पहाड़ी मंदिर का प्रकृतिक सौंदर्य बना रहे, इसके लिए तमाम प्रयास की जानी चाहिए. रोपवे निर्माण से यह संभव प्रतित नहीं होता. यह योजना मंदिर के लिए किसी भी तरह से सही नहीं है. पहाड़ी जहां-तहां से ढह रही है. मुख्य मंदिर पर भी संकट मंडरा रहा है. भुरभुरी मिट्टी होने के बाद भी बिना पर्याप्त जांच पड़ताल के भारी भरकम पोल खड़ा कर दिया गया. अब रोपवे निर्माण कार्य सभी बातों को ध्यान में रखकर ही शुरू किया जाना चाहिए.
पहाड़ी की तलहटी पर हो रोपवे का भार : मनोज मिश्रा
मंदिर के पुजारी मनोज मिश्रा बताते हैं कि पहाड़ी की तलहटी पर यदि सारा भार देकर रोपवे बनाया जाये तो ही ठीक रहेगा, पहाड़ी की चोटी भार सहन करने लायक नहीं है. आये दिन ऊपर से मिट्टी धंस रहा है. पहाड़ी मंदिर में ज्यादा से ज्यादा मट्टी भरने की जरुरत है, ताकि पहाड़ी मंदिर का अस्तित्व बना रहे. मंदिर को भूस्खलन से बचाने के तमाम उपाय किये जाने चाहिए.
293 फीट ऊंचे फ्लैग पोल से मंदिर खतरे में : सुनील ठाकुर
विश्व का सबसे ऊंचा तिरंगा फहराने की अधिकारियों की जिद से मंदिर पहले से ही खतरे में है, ऐसे में रोपवे का निर्माण ठीक नहीं है. 293 फीट ऊंचे फ्लैग पोल पर न तो तिरंगा टिका और न ही पोल, साल भर के अंदर ही झंडा फहराने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. पहाड़ी जहां-तहां से ढह रही है. पहाड़ी बाबा के मुख्य मंदिर पर भी अब संकट मंडरा रहा है. पहले इसे बचाना जरुरी है न कि महत्वाकांक्षी योजना का श्रीगणेश करना.
फीजिबिलिटी रिर्पोट के बाद ही शुरू होगा काम : अभिषेक रंजन
केंद्रीय एजेंसी राइट्स के इंजीनियर अभिषेक रंजन ने बताया कि फीजिबिलिटी स्टडी की जा रही है. जियोलाजिकल सर्वे टीम के पोजिटिव रिर्पाेट के बाद ही काम शुरू किया जायेगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में एक से बढ़ कर एक टेक्नोलॉजी विकसित हो गयी है, आधुनिक तकनीक से सब संभव है.
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